आईएमए का पीएम को पत्र, लिखा- ‘टीकाकरण पर गलत सूचनाएं फैला रहे रामदेव, देशद्रोह के तहत की जाए कार्रवाई’

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आईएमए ने कहा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण को लेकर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जाना चाहिए। 

आईएमए ने कहा कि एक वीडियो में उन्होंने (रामदेव) ने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बाद भी 10 हजार से ज्यादा चिकित्सक और लाखों लोगों की मौत हुई है। आईएमए ने रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की मांग की है।

आईएमए ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यह बड़ी संतोषजनक बात है कि देश में टीकों की दोनों खुराक ले चुके केवल 0.06 फीसदी लोगों को कोरोना वायरस का ‘मामूली’ संक्रमण हुआ और टीका लगवा चुके लोगों को फेफड़ों में अत्यंत गंभीर संक्रमण होने के मामले ‘बहुत दुर्लभ’ रहे।

चिकित्सक संघ ने अपने पत्र में लिखा, ‘भलीभांति प्रमाणित है कि टीकाकरण से हम गंभीर संक्रमण के विनाशकारी प्रभावों से अपनी जनता और देश को बचाते हैं। इस मौके पर हम बड़े दुख के साथ आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 डॉक्टरों की मौत हो गई और एलोपैथिक दवाएं लेने के कारण लाखों लोगों की मौत हो गयी, जैसा कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के मालिक श्री रामदेव ने कहा है।’

इससे पहले एलोपैथी चिकित्सा को लेकर रामदेव की ओर से 25 सवाल जारी किए जाने के बाद आईएमए उत्तराखंड ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया है। आईएमए ने कहा कि रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते। हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता तो बताएं। अगर रामदेव 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।