चक्रवात ‘यास’ से तबाही का मंजर, उखड़े पेड़ और कई घर क्षतिग्रस्त, नेवी की 7 टीमों ने तूफान के कहर के बाद शुरू किए राहत अभियान

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    ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में चक्रवात यास का कहर लगातार जारी है। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कुछ इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ उखड़ गए और बाढ़ जैसे हालात हो गए तो वहीं कुछ क्षेत्रों में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान दो लोगों की मौत भी हो गई।

    तूफान यास ओडिशा के धामरा बंदरगाह और बालासोर के बीच गुजरा और कई इलाकों को प्रभावित किया। ओडिशा के भद्रक और बंगाल के दीघा में तूफान यास का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है। यहां सड़कों और घरों पर पानी भर गया है।
     
    ख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में 10 करोड़ रुपये की राहत सामग्री भेजी गई है।

    चक्रवात यास के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया। नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं।

    चक्रवात यास के कहर के बाद की स्थिति को देखते हुए इंडियन नेवी ने राहत ऑपरेशन शुरू कर दिए हैं. विशाखापत्तनम से भारतीय नौसेना की 7 टीमें पश्चिम बंगाल पहुंची हैं, जो तीन अलग-अलग स्‍थानों पर पहुंच का राहत ऑपरेशन चला रही हैं. वहींं, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों का ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बचाव अभियान जारी है. ये दल इन राज्यों में सड़कों को सुचारू रखने के लिए बड़ी संख्या में उखड़े बिजली के खंभों और पेड़ों को हटा रहे हैं.

    भारतीय नौसेना ने कहा, ” विशाखापत्तनम से 7 भारतीय नौसेना की टीमें, जिसमें 2 डाइविंग और 5 बाढ़ राहत दल (FRT) शामिल हैं, उन्‍होंने 3 अलग-अलग स्थानों- पश्चिम बंगाल में दीघा, फ्रेजरगंज और डायमंड हार्बर पर चक्रवात यास के बाद राहत अभियान चलाया है.