उच्च रिकॉर्ड स्तर से 1.581 अरब डॉलर नीचे आया देश का विदेशी मुद्रा भंडार

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पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। 612.730 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर से 23 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.581 अरब डॉलर घटा है और यह 611.149 अरब डॉलर रह गया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 16 जुलाई 2021 को समाप्त सप्ताह में इसमें 83.5 करोड़ डॉलर की बढ़त आई थी। विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में आई कमी से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। एफसीए 1.12 अरब डॉलर कम होकर 567.628 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।

इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 44.9 करोड़ डॉलर घटा और 36.884 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 90 लाख डॉलर घटकर 5.091 अरब डॉलर रह गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

साल 1991 में देश को पैसा जुटाने के लिए सोना गिरवी रखना पड़ा था। तब सिर्फ 40 करोड़ डॉलर के लिए भारत को 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति सरलता से की जा सकती है, जो इसका सबसे बड़ा फायदा है। अच्छा विदेशी मुद्रा भंडार आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं। सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीद का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।