सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि विरासत संबंधी मुद्दे और मतभेदों को आपसी सहमति और बातचीत से सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद पर इशारों-इशारों में कहा कि ऐसे मसलों को एकतरफा कार्रवाई से नहीं सुलझाया जा सकता।
एक सेमिनार में जरनल नरवणे ने कहा कि हालांकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ सकारात्मक प्रगति हुई है और उसी का नतीजा है कि पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग झील के इलाके से दोनों देशों की सेना पीछे हटी है। सेना प्रमुख ने कहा कि चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने हाल ही में कहा था कि तनाव टालने और सीमा पर शांति की संयुक्त सुरक्षा भारत और चीन के लिए शुभ संकेत हैं।
जनरल नरवणे ने क्षेत्रीय विकास के बारे में कहा कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने एलओसी पर संघर्ष विराम की अपनी पुरानी प्रतिबद्धता को फिर से ताजा किया है और यह भविष्य के लिए बेहतर है।