कोरोना टीकाकरण: सबसे ज्यादा टीका लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना भारत

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    कोरोना टीकाकरण को लेकर भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन चुका है जहां अब तक सबसे ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। बीते एक मार्च से दूसरा चरण शुरू होने के बाद टीकाकरण में आई तेजी से यह मुकाम हासिल हो सका।

    अब अमेरिका दुनिया का पहला देश है जहां अब तक तीन करोड़ से भी ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। जबकि भारत में बृहस्पतिवार तक 2.56 करोड़ लोग वैक्सीन ले चुके हैं। इनके अलावा ब्राजील में अब तक 1.13 करोड़, तुर्की में एक करोड़ और ब्रिटेन में 94 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।

    स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 16 जनवरी से देश में कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ था। 11 मार्च को 53वें दिन 2,56,90,545 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। इनमें 60 या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग और 45 से 59 वर्ष की आयु के पहले से बीमार 67,86,086 लोग शामिल हैं।

    इनके अलावा 71.97 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को अब तक पहली और 40.13 लाख को दूसरी डोज दी जा चुकी है। इनके अलावा 70.55 लाख को पहली और 6.37 लाख फ्रंटलाइन वर्करों को दूसरी डोज लग चुकी है।

    आंकड़ों के अनुसार, अब तक 71.23 फीसदी टीकाकरण सरकारी अस्पतालों में हुआ है। जबकि 28.77 फीसदी टीकाकरण निजी अस्पतालों में हुआ। इनके अलावा वैक्सीन लगने के बाद 0.020 फीसदी दुष्प्रभाव के मामले सामने आए हैं। इनमें से 0.00025 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई है।

    टीकाकरण के बाद भी संक्रमण संभव : विशेषज्ञ
    कोरोना से बुरी तरह प्रभावित ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक का कहना है कि इस वायरस से आने वाले कई वर्षों तक हजारों लोगों की मौतें होती रहेंगी। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के महामारी रोग विशेषज्ञ और साइंटिफिक एडवाजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी के सदस्य प्रो. एंड्रयू हेवार्ड का कहना है कि टीकाकरण के बावजूद फ्लू की तरह कोरोना से मौतों का सिलसिला जारी रहेगा।

    टीका लगने से मौतों का आंकड़ा कम हो सकता है लेकिन इसे रोक पाना मुश्किल है। प्रो. हेवार्ड का कहना है कि टीका कितना और कब तक असरदार है ये अभी तक स्पष्ट नहीं है। सर्दियों में वायरस दोबारा बड़े पैमाने पर सक्रिय हो सकता है जिसकी चपेट में आकर लोगों की मौत हो सकती है।  

    दुनिया के किसी भी देश में टीकाकरण इतनी तेजी से नहीं हो रहा है कि आने वाले कुछ समय में 100 प्रतिशत लोगों को टीका लग जाए और वो सुरक्षित हो जाएं। ऐसे में कुछ लोग खासकर बीमार लोग वायरस की चपेट में आएंगे और मौतों का सिलसिला आने वाले समय में भी जारी रहेगा।