भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा पर हुई अहम चर्चा

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    भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच गुरुवार को टू-प्लस-टू आधारित बैठक हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन और मारिस पायने से मुलाकात की। चारों नेताओं ने आर्थिक मुद्दों, साइबर सुरक्षा, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बातचीत की। इसके बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया।

    पत्रकारों से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की। हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर भी बात की। वहीं, विदेश मंत्री विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। यह टू-प्लस-टू प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है।

    इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने कहा कि 9/11 आतंकवाद के बर्बर कृत्यों की याद दिलाता है। भारत एक उभरती हुई इंडो-पैसिफिक महाशक्ति है। हम दोनों व्यापार और आर्थिक कल्याण के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लाइनों के लिए फ्री और ऑपेन एक्सेस पर निर्भर हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य केंद्रीय चिंता का विषय बना हुआ है। हम नागरिकों, विदेशी नागरिकों और अन्य देशों के वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।

    पीएम मोदी से की मुलाकात
    इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेता शुक्रवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। वे यहां 12 सितंबर तक रहेंगे।