उत्तर प्रदेश के बांदा में खनन माफिया अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. न ही एलओआई (सशर्त अनुमती पत्र) की शर्तों का पालन करते हैं और न ही एनजीटी के द्वारा जारी की गई प्रतिबंध को मानते हैं. ताजा तस्वीरें बांदा जिले के खपटिहा गांव से आई है. दरअसल, मामला सत्य की खदान खंड संख्या 4 का है. यहां पर खंड संचालक ने तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए प्रतिबंधित मशीनों से पानी के नीचे से खनन करवा रहा हैं. हद तो तब हो गई, जब इस खनन माफिया ने नदी के बीचों-बीच जलधारा को रोक करके ट्रैक्टर को निकालने के लिए रास्ता बना दिया. जबकि नियमानुसार किसी भी खंड पर अवैध पुल का निर्माण नहीं किया जा सकता है.
जलधारा को भी रोका नहीं जा सकता है. मगर यहां जलधारा को पूरी तरह से रोक दिया गया है. नदी के बीचो-बीच पुल बना लिया गया है, जब पानी ओवरफ्लो हो जाता है. तब यह पानी पर बनाए हुए पुल के ऊपर से निकलने लगता है. इसी रास्ते से बालू भरे गाड़ियों का ट्रांसपोर्टेशन किया जा रहा है. तमाम बार शिकायत की जाती है, लेकिन खनिज माफिया के कान पर जूं नहीं रेंगती. तस्वीर होने के बावजूद जिला प्रशासन ऐसे खदानों का संज्ञान नहीं ले रहा है.
सूर्यास्त के बाद ही हो रहा खनन
यह सत्य है कि एनजीटी की नियमावली का पालन इस खंड में बालू ठेकेदार नहीं कर रहे हैं. एनजीटी के नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि जलधारा को भी रोका नहीं जा सकता है. क्योंकि इससे जलीय जीव जंतु नष्ट होते हैं. मछलियां मरती हैं और साथ में यह भी स्पष्ट आदेश है कि आप सूर्यास्त के बाद खनन नहीं कर सकते हैं, जबकि इस खदान में सूर्यास्त के बाद ही खनन शुरू होता है. ज्यादा पैमाने पर भारी-भारी पोकलैंड मशीनें लगाई जाती है. एक-एक खंड में लगभग 11 भारी भरकम पोकलैंड मशीन लगा रखी गई हैं, जो 40 फीट नीचे जाकर पानी और बालू को निकालकर ढेर बनाता है. इसके साथ ही ट्रकों में लोड करता है. यह सही बात है कि ट्रक में बालू के साथ पानी भी जाता है. अब मौसम गर्मी की ओर बढ़ रहा है, तापमान काफी तेज हो रहा है. पानी एकदम से खत्म हो रहा है. बांदा की जनता को पीने का पानी भी मिलना मुश्किल हो जाएगा.
डीएम ने जांच के आधार पर दिए कार्रवाई के आदेश
वहीं, बांदा की जिला कलेक्टर अनुराग पटेल ने इस बारे में बताया कि यह खंड में एनजीटी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है. कच्चा पुल बनाया गया है तो यह एकदम अवैध है. साथ में सूर्यास्त के बाद खनन नहीं हो सकता. अगर खनन हो रहा है, तो वह अवैध मानी जाएगी. जिलाधिकारी बांदा ने मामले का संज्ञान लेते हुए वीडियो और फोटो के आधार पर जांच कर कार्रवाई शुरू कर दी है.