ICMR महानिदेशक ने किया ये बड़ा दावा – कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं

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    भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव ने कहा है कि अभी तक इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) से सुरक्षा के लिए बूस्टर वैक्सीन की खुराक की आवश्यकता है. आईसीएमआर के महानिदेशक (डीजी) ने कहा, ‘सभी वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा रही है और यह सुनिश्चित करना कि न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया का टीकाकरण हो, अभी के लिए सरकार की प्राथमिकता है.’

    भार्गव ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर वैक्सीन की खुराक की आवश्यकता का समर्थन करने के लिए अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.’वरिष्ठ वैज्ञानिक की रिपोर्ट के मुताबिक, टीकाकरण पर केंद्र के शीर्ष विशेषज्ञ पैनल, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई), बूस्टर शॉट्स जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नवंबर के अंतिम अंतिम हफ्ते में मिल सकते हैं. साथ ही बच्चों के टीकाकरण को भी मंजूरी दी जाएगी.

    ‘केंद्र ऐसे मामले में सीधा फैसला नहीं ले सकता’
    हाल के दिनों में, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई लोगों ने केंद्र सरकार से बूस्टर की अनुमति देने का आग्रह किया है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में कहा, ‘केंद्र ऐसे मामले में सीधा फैसला नहीं ले सकता.’ जब आईसीएमआर कहता है कि बूस्टर शॉट दिए जाने चाहिए, तब हम इस पर विचार करेंगे. वर्तमान में लक्ष्य आबादी का पूर्ण टीकाकरण पूरा करना है. एक बार ऐसा हो जाने के बाद बूस्टर पर फैसला लिया जाएगा. हमारे पास पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है.’

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 940 मिलियन योग्य वयस्कों में से, लगभग 82 प्रतिशत ने कोविड-19 जैब की अपनी पहली खुराक ली है, जबकि लगभग 43 प्रतिशत ने दोनों खुराक ली हैं या दूसरे शब्दों में, पूरी तरह से टीका लगाया गया है.इस वायरल बीमारी के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान इसी साल 16 जनवरी से शुरू हुआ था. अब तक लगभग 1.17 अरब खुराकें दी जा चुकी हैं.

    NTAGI की अगले हफ्ते होगी बैठक
    केंद्र सरकार का एक पैनल देश में बूस्‍टर डोज और बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन पर नीति(Vaccine Policy For Children) को दो हफ्तों में तैयार करेगा. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की अगले हफ्ते बैठक होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त डोज यानी बूस्टर डोज देने पर भी व्यापक कार्ययोजना तैयार की जा सकती है. जनवरी में बीमारी से ग्रसित बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. जबकि मार्च तक अन्य सभी बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. सरकार अभी हर घर दस्तक अभियान के जरिये सभी को कोरोना के दोनों टीके लगाने तैयारी कर रही है.