विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,अब राजा-रानी नहीं, लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि करेंगे शासन

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Amit Shah
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोकसभा में भरोसा दिलाया कि उचित समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विकास अभी मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वह संसद के निचले सदन में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2021 पर चर्चा का जवाब दे रहे थे।

अमित शाह ने कहा- विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। इसमें कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। इस विधेयक में आल इंडिया सर्विस अधिकारियों के जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम संघ शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) में मिलाने का प्रविधान है। लोकसभा ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा में यह बिल पहले ही पारित हो चुका है।

शाह ने कहा- संविधान में अस्थायी व्यवस्था को कांग्रेस और दूसरे दलों ने 70 साल तक जारी रखा

केंद्रीय गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 का समर्थन करने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि संविधान में यह अस्थायी व्यवस्था थी, लेकिन कांग्रेस और दूसरे दलों ने इसे 70 साल तक जारी रखा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा अनुच्छेद 370 हटाते समय सरकार के किए वादे की याद दिलाने पर शाह ने कहा, ‘मैं इसका जवाब जरूर दूंगा, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं। आपने 70 साल तक क्या किया? उसका हिसाब लेकर आए हो क्या?’

शाह ने कहा- पीढ़ियों तक देश में शासन करने वाले अपने गिरेबां में झांककर देखें

चुटकी लेने के अंदाज में शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला था, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें। कि वे हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं। गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि वो जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें जिससे जनता गुमराह हो।’

शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर का विकास राजग सरकार की उच्च प्राथमिकता में रहा

शाह ने विपक्षी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र में राजग के सत्ता संभालने के बाद जम्मू-कश्मीर का विकास उसकी उच्च प्राथमिकता में रहा है।

अब राजा-रानी नहीं, लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि करेंगे शासन

वंशवाद की राजनीति करने वाले राजा रानी अब जम्मू-कश्मीर पर शासन नहीं करेंगे। जम्मू-कश्मीर पर अब यहां के लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि शासन करेंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में पंचायत के चुनाव में यहां 51 फीसद लोगों ने मतदान किया है। इससे शासन सत्ता का विकेंद्रीकरण हुआ है।

शाह ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा- यह मोदी सरकार है जो देश के लिए फैसले करती है

एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बहस में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया था कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया गया है। शाह ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘उन्हें पता नहीं है कि यह यूपीए सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे। यह नरेंद्र मोदी की सरकार है जो देश के लिए फैसले करती है।’ शाह ने कहा कि ओवैसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं।

किसी की जमीन नहीं छिनेगी

जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की कोई जमीन नहीं जाएगी। विकास कार्यों के लिए सरकार के पास पर्याप्त जमीन है।

अगले साल तक 25 हजार नौकरियां

शाह ने कहा कि वर्ष 2022 तक जम्मू-कश्मीर में 25 हजार अतिरिक्त सरकारी नौकरियां सृजित होंगी। इस क्षेत्र में दो एम्स चालू हो गए हैं। कश्मीर घाटी को अगले दो सालों के भीतर रेल से जोड़ दिया जाएगा।