घरेलू हवाई किराए में हुई वृद्धि, लोअर प्राइस बैंड में 5 फीसदी का इजाफा, महंगे तेल के कारण बढ़े दाम

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हवाई सफर फिर से महंगा होने जा रहा है. दरअसल, सरकार ने डोमेस्टिक फ्लाइट्स किराए की लोअर लिमिट को 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है. इससे पहले फरवरी में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने प्राइस बैंड को 10 से 30 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था. फरवरी में लोअर प्राइस बैंड में 10 फीसदी और हायर बैंड में 30 फीसदी का इजाफा किया गया था.

सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करके कहा कि हवाई किराये के लोवर बैंड में इजाफा एटीसी फ्यूल की बढ़ती कीमतों की वजह से उठाया गया है. एयर फेयर पर लगाए गए कैप को वापस लेने का फैसला सरकार एटीसी फ्यूल की कीमतों को देखते हुए भविष्य में करेगी.

पुरी ने कहा है कि कोरोना के चलते पिछले कुछ दिनों में हवाई यात्रियों की संख्या में कमी देखने को मिली है. राज्यों में बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते लगाए जा रहे प्रतिबंधों के कारण यह कमी आई है. यही वजह है कि सरकार फिलहाल पूरी तरह से घरेलू हवाई सेवाओं को खोलने का फैसला नहीं कर रही है. विमानन कंपनियां 80 फीसदी क्षमता पर ही चलती रहेंगी.

डीजीसीए ने पिछले साल मई में डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए कुल 7 फेयर बैंड की घोषणा की थी. ये 7 प्राइस बैंड यात्रा के समय पर आधारित हैं. पहला बैंड उन फ्लाइट के लिए हैं, जो 40 मिनट तक की यात्रा करती हैं. बाकी के बैंड क्रमशः 40-60 मिनट, 60-90 मिनट, 90-120 मिनट, 120-150 मिनट, 150-180 मिनट और 180-210 मिनट के हैं.

फरवरी में किराया में इस तरह हुआ था इजाफा
1.  40 मिनट तक का हवाई किराया- 2200 से 7800 रुपये
2.  40-60 मिनट का हवाई किराया- 2800 से 9800 रुपये
3.  60-90 मिनट का हवाई किराया- 3300 से 11700 रुपये
4.  90-120 मिनट का हवाई किराया- 3900 से 13000 रुपये
5.  120-150 मिनट का हवाई किराया- 5000 से 16900 रुपये
6.  150-180 मिनट का हवाई किराया-  6100 से 20400 रुपये
7.  180-210 मिनट का हवाई किराया- 7200 से 24200 रुपये