हिमाचल प्रदेश: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के भी होंगे कोरोना टेस्ट, प्रशासन ने लिया फैसला

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सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अब शिक्षकों के कोरोना टेस्ट के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहता। वर्तमान में मार्गदर्शन के लिए स्कूल में आ रहे विद्यार्थियों को मास्क, सैनिटाइजर और हैंड सैनिटाइजर करवाने के साथ-साथ तापमान जांच कर ही स्कूलों में प्रवेश दिया जा रहा है। इसी प्रकार से स्कूल के शिक्षकों को भी इसी सुरक्षा प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। साथ ही इस सब की शिक्षा विभाग भी स्कूलों से प्रतिदिन रिपोर्ट प्राप्त कर रहा है।

वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से दो नवंबर को शिक्षक संस्थानों को भी खोला जा रहा है। शिक्षकों की सैंपलिंग से विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए एक कड़ा कदम उठाया गया है। वहीं, शिक्षकों के अनुसार सरकार के इस कदम से विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ उनके परिवार के सदस्यों की भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उच्च शिक्षा उपनिदेशक पीसी राणा ने कहा कि निदेशालय की ओर से संबंध में अभी कोई भी निर्देश नहीं हैं, लेकिन जिला प्रशासन और सरकार की ओर से शिक्षकों के कोविड-19 की जांच के लिए निर्देश हो सकते हैं। 

डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। शिक्षकों के कोविड-19 की जांच से विद्यार्थियों की सुरक्षा पक्की होगी। 

वहीं, सीएमओ डॉ. रमन कुमार शर्मा ने कहा कि मंगलवार को जिला उपायुक्त ऊना राघव शर्मा के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया कि सुरक्षा के आधार पर विभिन्न उद्योगों के श्रमिकों और दुकानदारों के रैंडम सैंपल किए जाएंगे। इसके साथ सरकार के निर्देशानुसार सभी विभागों के अधिकारियों और स्टाफ कर्मचारियों के भी रैंडम सैंपल लिए जाएंगे।