यूनाइटेड किंगडम टास्कफोर्स की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की पहली जनरेशन (पीढ़ी) पूरी पड़ जाए, इसकी संभावना थोड़ी कम है। बिंघम ने कहा कि वैक्सीन की पहली पीढ़ी सभी लोगों पर काम नहीं कर सकती है। लांसेट मेडिकल जर्नल में छपे एक आलेख में बिंघम ने यह बातें कही हैं।
बिंघम ने कहा कि हालांकि, हमें यह भी नहीं पता कि क्या हमें कभी भी वैक्सीन मिलेगी या नहीं? उन्होंने आगे कहा कि शालीनता और अति आशावाद के खिलाफ रक्षा करना अनिवार्य है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस टीके की पहली पीढ़ी शायद सभी को पूरी ना पड़े, हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए कि वैक्सीन शायद संक्रमण को फैलने से ना रोकें लेकिन लक्षणों को कम कर सकती है।
बिंघम ने लिखा कि वैक्सीन टास्कफोर्स का मानना है कि जितनी वैक्सीन दुनियाभर में विकसित की जा रही हैं, उनमें से सारी या ज्यादातर असफल हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि टीकों के लिए वैश्विक विनिर्माण क्षमता अरबों खुराक के लिए काफी अर्पाप्त है।
हाल ही में इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक शोध के मुताबिक गर्मियों के दौरान ब्रिटिश लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी लगातार कम हो रही हैं। संक्रमण के बाद सुरक्षा का सुझाव लंबे समय तक नहीं चल सकता है और समुदाय में प्रतिरक्षा की क्षमता को कम करने की संभावना को बढ़ा सकता है।
मीडियो रिपोर्ट्स का कहना है कि ब्रिटिश सरकार इस अनुमान पर काम कर रही है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर, पहली लहर से ज्यादा खतरनाक हो सकती है