अच्छी खबर! जॉब करने का मौका दे रहा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा इन पदों के लिए करने जा रही लिटरल हायरिंग

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कोरोना काल में देश लगातार तेजी डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में कई बैंको ने भी अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए डिजिटल बैंकिंग तरफ रुख किया है. कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ई-बैंकिंग सेवाओं की पूर्ति के लिए लिटरल हायरिंग की तैयारी में हैं. लिटरल हायरिंग के लिए देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और बैंक ऑफ बड़ौदा प्रमुख है. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंक अब मिड लेवल और जुनियर लेवल पर भी लिटरल हायरिंग करेगा. जिसमें आईटी सेक्टर और प्राइवेट बैंक से जुड़े लोगो को अवसर दिया जाएगा.

लिटरल हायरिंग वो प्रक्रिया है जिसके तहत किसी विशेष कार्य के लिए विशेषज्ञ की भर्ती किसी दूसरे संस्थान से की जाती है. एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के अनुसार, डायरेक्ट हायर किए कर्मचारी और प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) की सैलरी स्ट्रकचर अलग-अलग होते हैं. इंटरनल कैंडिडेड एक पर्मानेंट कर्मचारी होता है. जबकि लिटरल हायरिंग वाले कर्मचारी एक संविदात्मक व्यवस्था होती है. उन्होंने कहा कि चूंकि ये विशेष भूमिकाएं हैं, इंटरनल कैंडिडेड की तुलना में बाजार से प्रतिभा खोजना आसान है.

एक दूसरे बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, लिटरल हायरिंग में कई लोग ऐसे भी होते हैं जो ज्यादा समय के लिए नहीं आते वो कम समय में अपने अनुभव को बढ़ा उचित अवसर पर दूसरे संस्थान में चले जाते हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल लेंडिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसे कुछ वर्टिकल के लिए लेटरल हायरिंग कर रहा है. अप्रैल 2019 में देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया था. वित्त वर्ष 2015 के अंत में बैंक में 84,000 से अधिक कर्मचारी थे. इसके मोबाइल बैंकिंग ग्राहक साल दर साल आधार पर 31 दिसंबर तक दोगुने से अधिक हो गए हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा कॉन्ट्रेक्ट बेस पर मिड लेवल और जूनियर लेवर पर लिटरल हायरिंग के कंसल्टेंट नियुक्त करने की योजना बना रहा है

एसबीआई ने अपने FY20 की रिपोर्ट में कहा कि वो अपने वेल्थ मैनेजमेंट, आईटी, इंफोर्मेशन सेक्योरिटी, रिस्क एवं क्रेडिट एरिया को देखने के लिए कॉन्ट्रेक्ट आधार पर लिटरल हायरिंग कर रहा है. यह तेजी से बदलते परिदृश्य की मांग को पूरा करने और नियामक मानदंडों को पूरा करने के लिए है.