अच्छी खबर! सोने और चांदी की वायदा कीमत में गिरावट, चेक करें आज का भाव

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gold-silver prices

आज घरेलू बाजार में सोने और चांदी की वायदा कीमत में गिरावट आई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 48076 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले सत्र में सोना 400 रुपये लुढ़का था। चांदी की बात करें, तो यह 0.4 फीसदी नीचे 68000 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। पीली धातु पिछले साल के उच्चतम स्तर (56200 रुपये प्रति 10 ग्राम) से करीब आठ हजार रुपये नीचे है। 

वैश्विक बाजारों में आज सोने की कीमतें सपाट थीं। कोरोना के डेल्टा संस्करण में वृद्धि वैश्विक आर्थिक सुधार को नुकसान पहुंचा सकती है। शुक्रवार को करीब एक फीसदी गिरने के बाद आज हाजिर सोना 1,812.83 डॉलर प्रति औंस पर रहा। अन्य कीमती धातुओं में चांदी 0.6 फीसदी गिरकर 25.50 डॉलर प्रति औंस पर थी और प्लैटिनम 0.2 फीसदी गिरकर 1100.55 डॉलर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर तीन महीने के उच्च स्तर के करीब पहुंच गया।

राजनीतिक और वित्तीय अनिश्चितता के समय में सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है। विश्लेषकों का कहना है कि उच्च मुद्रास्फीति से कीमती धातु को फायदा हुआ है क्योंकि मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में इसकी सुरक्षित आश्रय अपील बढ़ी है।

दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ईटीएफ, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग्स शुक्रवार को 0.6 फीसदी गिरकर करीब दो माह के निचले स्तर 1,028.55 टन हो गई। स्वर्ण ईटीएफ सोने की कीमत पर आधारित होते हैं और उसके दाम में आने वाली घट-बढ़ पर ही इसका दाम भी घटता बढ़ता है। मालूम हो कि ईटीएफ का प्रवाह सोने में कमजोर निवेशक रुचि को दर्शाता है। एक मजबूत डॉलर अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोने को अधिक महंगा बनाता है।

निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेट कोषों (ईटीएफ) में जून 2021 को समाप्त तिमाही में 1,328 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में निवेश का यह प्रवाह जारी रहेगी। इस साल जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद के बीच निवेश का प्रवाह कुछ कम रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। पिछले साल समान तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का आंकड़ा 2,040 करोड़ रुपये रहा था। निवेश का प्रवाह घटने के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जून, 2021 के अंत तक बढ़कर 16,225 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। जून, 2020 के अंत तक एयूएम 10,857 करोड़ रुपये रहा था।