भारत की उम्मीदों को झटका! डोमिनिका कोर्ट ने भगोड़े मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर लगाई रोक, वकील ने किया दावा- एंटीगुआ से जबरन उठाया गया था

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पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगे भारत की उम्मीदों को फिलहाल के लिए झटका लग गया है। पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर डोमिनिकाई कोर्ट ने रोक लगा दी है, क्योंकि चोकसी के वकील ने वहां बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है और कहा है कि उसे कानूनी अधिकारों से वंचित कर दिया गया था और उसे शुरू में अपने वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी। इस मामले में आज फिर से सुनवाई होगी। कोर्ट ने 28 मई को स्थानीय समयानुसार नौ बजे सुनवाई के लिए कहा है।

वहीं, डोमिनिका लिंकन कॉर्बेट के कार्यवाहक पुलिस प्रमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि पीएनबी घोटाले में भारत में वांछित भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत नहीं बल्कि एंटीगुआ वापस भेजा जाएगा। बता दें कि फिलहाल, चोकसी डोमिनिका पुलिस की कस्टडी में है और उससे पूछताछ की जा रही है। बता दें कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बंदी या हिरासत में लिए जाने के खिलाफ नागरिकों के पास एक हथिहार है जो नागरिकों को अपने हितों की रक्षा का लिए कोर्ट में जज के पास जाने का शक्ति प्रदान करता है। हालांकि, यह साबित करना होगा कि उसने कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है।

मेहुल चोकसी के डोमिनाका में वकील वेन मार्श ने कहा कि यह न्याय का उपहास है क्योंकि चोकसी कानूनी प्रतिनिधित्व का हकदार है, चाहे वह एंटीगुआ में हो या डोमिनिका में। वहीं, भारत में चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल (मेहुल चोकसी) को जॉली हार्बर से कई लोगों ने उठाया था, जहां उनके अचानक लापता होने के बाद उनकी कार मिली थी और फिर उन्हें डोमिनिका ले जाया गया।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में चोकसी के डोमिनिकाई वकील वेन मार्शे ने कहा कि मैंने पाया कि उसे (मेहुल चोकसी) बुरी तरह पीटा गया था, उसकी आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर कई जले हुए निशान थे। उसने मुझे बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उसका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा डोमिनिका लाया गया था जिन्हें वह भारतीय मान रहा था। एंटीगुआ पुलिस का मानना है कि उसे किडनैप कर एक जहाज पर ले जाया गया था, जो लगभग 60-70 फीट लंबा था।