कास्टिंग से ले कर शूट और फिर रिलीज़ तक होता है रोमांचक सफर: गगनदीप

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    हाल ही में डिज़नी प्लस हॉटस्टार वीआईपी पर रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ ग्रहण में कनाडा से लौटे हरज़िंदर का किरदार लखनऊ शहर के गगनदीप सिंह डिडयाला नें नभाया है। गगनदीप बताते हैं कि कास्टिंग से ले कर शूट और फिर रिलीज़ तक का सफर काफी रोमांचक होता है, और इसमें हर पल बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। कई लोगो की भीड़ में से जब आपको उस किरदार को पर्दे पर उतारने को चुना जाता है तो आपकी ज़म्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है। क्योंकि आपके साथ साथ आपके शहर, आपके गुरुओ और आगे आ रहे सबके लिए मौके जुड़े होते हैं।

    किरदार को पढ़ना और उसे उपने अंदर उतारना ही सबसे बड़ा खेल है। ऐसे में जब आपके साथ काम कर रहे आपके सह कलाकार सपोर्टिव हों तो दिल से बनी फिल्म दिलों तक पहुच ही जाती है। ग्रहण की शूटिंग के दौरान का वाक्या साझा करते हुए गगनदीप बताते हैं कि अंशुमन पुश्कर और वॉमिका गब्बी (जो कि फिल्म में लीड कर रहे हैं) के साथ जब वो शॉट की रिहर्सल कर रहे थे तो उन्हे फील भी हो रहा था कि वो सं. 1984 में ही जी रहे हैं। वो बताते हैं कि आप टेक से पहले सह कलाकारों के साथ जितनी बाते करते हैं और एक दूसरे को समझते हैं आप फाइनल टेक में उतना ही कमफर्टेबल फील करते हैं। हम लोगों कि बीच में भी ऐसा ही था हम शॉट से पहले भी काफी देर स्क्रिप्ट से हट कर इधर उधर की बाते करते थे कि जैसे हम वाकई उसी सं. 1984 में जी रहे हों। बिना मोबाईल फोन्स बिना इलैक्ट्रोंनिक गेम्स के।

    गगनदीप बताते हैं कि चौरासी की आप बीती आज तक उन्होंने सिर्फ अपने पापा और दादा जी से सुनी थी। वह कहते हैं “मैं हमेशा से ही सोचता था कि सब कहते हैं कि ऐसा हुआ, वैसा हुआ, लोग ऐसा कर रहे थे, भीड़ वैसा कर रही थी। पर कोई यह नहीं कहता कि हाँ मैं भी उस भीड़ का हिस्सा था। इस कहानी में वो ‘मैं’ है। वो इंसान जो कहता है कि हाँ मैं उस भीड़ का हिस्सा था”। गगनदीप कहते हैं भीड़ जो दंगे करती है उसका कोई जाति धर्म नहीं होता। भीड़ बस भीड़ होती है। सही गलत हमें चुनना पड़ता है। हम हिंसा चाहते हैं या अहिंसा। बस चिंगारी को कोई अपने फायदे के लिए आग में तबदील करनें में आपका इस्तेमाल ना कर पाए। ग्रहण वेब सीरीज़ आपको सिर्फ पर्दे पर ही नहीं छोड़ेगी बल्कि अंदर तक झंझोड़ जीएगी। मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे इसमें काम करने का मौका मिला।

    ग्रहण वेब सीरीज़ भी दिल से बनी है और समाज को एक शिक्षा देती है और ये ज़रूर लोगों के दिलों तक पहुचेगी। वो कहते हैं कि मुझे यकीन है कि ये आप सबको भी बेहद पसंद आएगी। आगे आ रहे अपने और प्रोजेक्ट्स के बारे में बताते हुए गगनदीप कहते हैं कि अपने से पहले वो हमेशा अपने शहर लखनऊ को रख कर देखते हैं और हमशा ही शहर का नाम बुलंदियों तक पहुचाते रहेंगे।