देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.415 अरब डॉलर की गिरावट, 34 अरब डॉलर के करीब पहुंचा स्वर्ण भंडार

424

दो अप्रैल को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.415 अरब डॉलर घटकर 576.869 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई कि इससे पहले के 26 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.986 अरब डॉलर घटकर 579.285 अरब डॉलर रह गया था। वहीं इससे पूर्व 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 590.185 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दो अप्रैल 2021 को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में गिरावट की वजह से आई है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 1.515 अरब डॉलर घटकर 536.438 अरब डॉलर रह गयीं। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्तियां भी शामिल होती हैं। 

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण आरक्षित भंडार 88.4 करोड़ डॉलर घटकर 34.023 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में प्राप्त विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.486 अरब डॉलर रहा। इसी तरह आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार भी 1.2 करोड़ डॉलर घटकर 4.923 अरब डॉलर रह गया।

विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।