बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर वित्त मंत्रालय कर रहा विचार

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सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के तौर पर बीमा बांड पेश करने पर विचार कर रही है. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उद्योग प्रमुखों की बैठक के दौरान यह घोषणा की. सीतारमण दो दिन के मुंबई दौरे पर हैं.

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही है.’’ बैंक गारंटी आमतौर पर ऋण देते समय मांगी जाती है और सामान्य रूप से गिरवी संपत्ति के तौर पर इसकी जरूरत होती है. एक बीमा बांड भी गारंटी की तरह है लेकिन इसके लिए किसी प्रकार की रहन की आवश्यकता नहीं होती.

उद्योग प्रमुखों के साथ बैठक में सीतारमण ने कहा कि सरकार नीतियों के मामले में निश्चितता और भरोसे को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि नियामकों की भी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है.

बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नियामकों के साथ काम कर रही है. इस मौके पर राजस्व सचिव तरूण बजाज ने कहा कि विभाग स्टार्टअप के कर संबंधित मुद्दों पर काम कर रहा है. उन्होंने इस बारे में उद्योगों से सुझाव मांगे.

सीतारमण ने उद्योग को बिजली की उच्च दर समेत प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने वाले और जटिल नियामकीय अनुपालनों के मुद्दों के समाधान का आश्वासन भी दिया. वित्त मंत्री बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करने वाली हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन  प्‍लान का अनावरण किया. उन्‍होंने कहा कि कम उपयोग वाली संपत्तियों की हिस्सेदारी को बेचा जाएगा. यह मिशन बहुत सारे सेक्‍टर्स को कवर करेग. इसमें रोड, रेलवे, एयरपोर्ट से लेकर पावर ट्रांसमिशन लाइन्‍स और गैस पाइपलाइंस भी शामिल हैं. वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार अपनी कोई भी संपत्ति नहीं बेचेगी. इसका बेहतर तरीके से इस्‍तेमाल करेगी. इनका मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा.

ध्यान रहे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि राजकोषीय घाटा पूरा करने के लिए सरकार इस तरह की संपत्तियों को बेचने की योजना बना रही है. कोरोना की मार से बेहाल सरकार के पास राजस्व जुटाने के विकल्प काफी कम हैं. लिहाजा इन संपत्तियों का बिकना तय माना जा रहा है.