Facebook न्यूज़ इंडस्ट्री में करेगा 3 साल में 100 करोड़ डॉलर का निवेश, जानें पूरा मामला

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गूगल के नक्शे-कदम पर चलते हुए सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने भी न्यूज़ को लेकर बड़ा ऐलान किया है. फेसबुक ने बुधवार को कहा कि वो ‘न्यूज़ इंडस्ट्री को सपोर्ट’ करने के लिए अगले 3 साल में 1 अरब डॉलर का निवेश करेगा. सोशल नेटवर्किंग क्षेत्र की यह दिग्गज कंपनी ऑस्ट्रेलियाई सरकार से एक ऐसे कानून को लेकर लड़ रही है, जिसमें प्रावधान है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स न्यूज़ संस्थाओं को भुगतान करें. फेसबुक ने 2018 के बाद से अब तक करीब 60 करोड़ डॉलर न्यूज़ के क्षेत्र में निवेश किया है. गूगल ने पिछले साल अक्टूबर महीने में ऐलान किया था कि वो अगले तीन साल में पब्लिशर्स को 1 अरब डॉलर का भुगतान करेगी.

न्यूज़ कंपनियां चाहती हैं कि गूगल और फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर उनकी खबरें दिखाने के लिए भुगतान करें. यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों का विचार भी कुछ ऐसा ही है. दरअसल, अमेरिका में डिजिटल विज्ञापन का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं दो कंपनियों के बीच बंट जाता है. इससे न्यूज़ पब्लिशर्स को भारी नुकसान होता है.

फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि वो ऑस्ट्रेलिया में न्यूज़ लिंक्स के शेयर करने से बैन को वापस हटा रहा है. फेसबुक ने यह फैसला तब लिया है, जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने पब्लिशर्स को पेमेंट देने संबंधी कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव पेश किया है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इस कानून के विरोध में फेसबुक द्वारा बैन के फैसले की आलोचना भी की गई. दरअसल, फेसबुक ने मौजूदा महामारी के दौरान अपने प्लेटफॉर्म से पब्लिक हेल्थ और इमरजेंसी सेवाओं को भी रोक दिया था.

फेसबुक ने मंगलवार को ही यह भी कहा कि प्रस्तावित बदलाव से यह सहूलियत मिल सकेगी कि वो सपोर्ट करने के लिए पब्लिशर का चुनाव कर सकती है. बहुत जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में ऐसे डील्स के बारे में फेसबुक की ओर से जानकारी भी दी जाएगी.

गूगल तो पहले से ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों से कॉन्टेन्ट लाइसेंसिंग डील्स को साइन कर रहा है. गूगल का दावा है कि वो ऐसे 50 पब्लिशर्स से डील साइन कर चुका है. वैश्विक स्तर पर यह संख्या 500 से ज्यादा है.

दूसरे देशों में भी ऐसे ही रेगुलेशन की तैयारी की जा रही है. माइक्रोसॉफ्ट यूरोपीय पब्लिशर्स के साथ काम कर रही है ताकि बड़े टेक प्लेटफॉर्म्स भी न्यूज़ के लिए भुगतान करें. यूरोपीय देश कॉपीराइट नियम का पालन करने पर विचार कर रहे हैं ताकि न्यूज़ कंपनियां और पब्लिशर पेमेंट्स को लेकर मोलभाव कर सकें.