केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बोले – शिक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद

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    dharmendra pradhan on free education

    केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं, खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में और दोनों देशों के शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं. प्रधान ने बुधवार को ‘एडवांसिंग इंडिया-यूएस एजुकेशन पार्टनरशिप’ में अपने संबोधन में यह बात कही. यह गोलमेज बैठक भारतीय दूतावास ने न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, ह्यूस्टन और अटलांटा के वाणिज्य दूतावास के सहयोग से आयोजित की थी.

    प्रधान ने कहा,‘‘ भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं,खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में. भारत और अमेरिका के शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं. इनमें उद्योगों, शिक्षा और नीतिनिर्मातों को आपस में जोड़ना(इंटरलिंकिंग) शामिल हैं.’’उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ने शिक्षकों और छात्रों की दुनिया में कहीं भी जाने भी राह आसान की है और यह साझेदारी और आपसी लाभकारी शिक्षा समन्वय को भी प्रोत्साहन देती है.

    गोलमेज सम्मेलन में 20 अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष ने भी लिया भाग
    उन्होंने कहा, ‘‘ग्लासगो में सीओपी26 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ समन्वय के लिए, भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक आकांक्षाओं के साथ तालमेल बैठाने वाला होना चाहिए और एनईपी2020 इस तरह के तालमेल को मंजूरी देता है.’’ इस गोलमेज सम्मेलन में 20 अमेरिकी विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष, कुलपतियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, राइस विश्वविद्यालय और इलिनोइस विश्वविद्यालय आदि शामिल थे.

    बता दें कोविड संक्रमण के चलते दो साल के अंतराल पर सोमवार को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था. ऐतिहासिक सीनेट हाल में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल और उपाधियां प्रदान की. इस मौके पर उन्होंने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को उत्तर भारत का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय बताया और इसकी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा पर भी चर्चा की. उन्होंने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए दो बड़ी घोषणाएं की हैं.

    केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यूजीसी ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर की स्थापना की है, जो कि पांच वर्षों के लिए की गई है. इसमें विभिन्न विषयों के शोध और इकोनामिक डेवलपमेंट और इकोनामिक प्रोग्राम्स के शोध किए जाएंगे, जिससे एक ओर जहां इस शोध से देश और प्रदेश के विकास को मदद मिलेगी.केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती किए जाने पर भी अपनी सहमति प्रदान की‌. उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता भारत सरकार ने खत्म कर दी है. सरकार का मकसद है कि जो मेधावी छात्र हैं वह विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आकर शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करें. हालांकि, नेट की अनिवार्यता बनी रहेगी.