भारतीय उद्योग परिसंघ की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य पूरा करेगी। इसी साल पांच बड़ी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई में बढ़कर 620 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है। यहां तक कि महामारी के दौरान भी सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया। पिछले साल केंद्र ने कृषि कानूनों और श्रम सुधारों को आगे बढ़ाया। उन्होंने उद्योग जगत को आगे आने और अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी अभी कोरोनावायरस की दो बड़ी लहरों के प्रभाव से उबर रही है। आरबीआई इस बात को अच्छी तरह समझता है कि अर्थव्यवस्था से तुरंत तरलता कम करना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे और विकास सरकार की प्राथमिकता बना रहेगा।
एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, बीईएमएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और कंटेनर कॉरपोरेशन। इन पांचों सरकारी कंपनियों का निजीकरण इसी साल किया जाएगा।