राजधानी में 18 से 45 वर्ष की आयु वालों का टीकाकरण बंद करना पड़ सकता है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके पीछे कोरोना वैक्सीन की कमी को जिम्मेदार बताया है।
सिसोदिया ने कहा कि बार-बार अपील करने के बाद भी केंद्र सरकार ने दिल्ली को अभी तक उसकी जरूरत की वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई है। इससे दिल्ली में वैक्सीन की भारी कमी हो गई है। पिछले दिनों 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की नौ लाख खुराक मिल गई थी, इस कारण अगले एक हफ्ते तक इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीनेशन जारी रहेगा।
केंद्र सरकार से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने मांग की कि अब तक केंद्र ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को कितनी-कितनी वैक्सीन उपलब्ध कराई है, इसका आंकड़ा जारी किया जाना चाहिए। लोगों को यह पता चलना चाहिए कि किस राज्य को कितनी वैक्सीन दी जा रही है और किस राज्य को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा मिली एक चिट्ठी का हवाला देते हुए बताया कि मई महीने में वह दिल्ली को 45+ आयु वर्ग के लिए 3.83 लाख वैक्सीन दे रही है, लेकिन 18-44 आयुवर्ग के लोगों के लिए कोई वैक्सीन नहीं मिल रही है। इससे इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन को बंद करने का खतरा पैदा हो गया है।
कोरोना मामलों के नोडल मंत्री सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि दिल्ली को उसके हिस्से की कितनी-कितनी वैक्सीन मई-जून और जुलाई माह में मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह जानना इसलिए जरूरी है कि इससे राज्य अपने स्तर पर वैक्सीनेशन की सही रणनीति बना सकेंगे। साथ ही अगर वे चाहें तो प्राथमिकता वर्ग भी तय कर सकेंगे कि वे उपलब्ध वैक्सीन को किस वर्ग को पहले और किस वर्ग को बाद में लगाना चाहते हैं।
इस तरह वैक्सीन का ज्यादा बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही राज्य को अपने स्तर पर उन्हें कितनी वैक्सीन खरीद प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, यह भी तय हो सकेगा। लेकिन उचित जानकारी के अभाव में राज्य अपने लिए इस तरह की रणनीति नहीं बना पा रहे हैं।