दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा, बैन के बावजूद जले पटाखे

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    दिल्ली में एनजीटी ने 30 नवंबर तक दिल्ली में पटाखों की खरीदारी और जलाने पर बैन लगा रखा है. बावजूद इसके दिल्ली एनसीआर में लोगों ने पटाखे जलाने में कई कसर नहीं छोड़ी. शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया.

    स्मॉग के कारण दृश्यता भी काफी कम हो गई है और कुछ मीटर तक देखना भी संभव नहीं है. दिल्ली-एनसीआर में आतिशबाजी पर प्रतिबंध और पराली जलाने पर अंकुश के बावजूद प्रदूषण इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार चला गया. वहीं राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हवा का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया.

    दिल्ली के प्रदूषण में 32 फीसदी हिस्सेदारी पराली जलाने की है. हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण की स्थिति और बुरी हो गई है. इससे प्रदूषक तत्व एक ही जगह इकट्ठा हो रहे हैं. दिल्ली की हवा की गुणवत्ता और ज्यादा खराब हुई और एक्यू आई बहुत खराब स्तर पर चला गया।

    इससे पहले विशेषज्ञों एवं सरकारी एजेंसियों ने दिवाली की रात को लेकर गंभीर अनुमान जताया था. दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 424 पाया गया, यानी ‘खतरनाक’ श्रेणी में पाया गया. ये हालात दिल्ली के आनंद विहार इलाके के थे.

    दिल्ली सरकार ने ट्रैफिक पर गाड़ी का इंजन बंद करने का अभियान भी शुरू किया था, लेकिन इन कदमों का भी हवा की गुणवत्ता पर ज्यादा असर नहीं दिख रहा है. कोरोना और प्रदूषण ने दिल्ली वालों का जीना मुश्किल कर दिया है.