कोविड-19 टीके का केंद्र बना भारत, समावेशी वृद्धि को मिलेगी ताकत, चालू वित्त वर्ष में 7.7 फीसदी गिरावट का अनुमान, जानिए कैसा होगा अर्थव्यवस्था का हाल

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वित्त मंत्रालय की एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में अर्थव्यवस्था के पूर्ण पुनरुद्धार से भी अधिक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जगाते हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत दुनिया के लिए कोविड-19 टीके का केंद्र बन गया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित उपायों के साथ की संरचनात्मक सुधारों और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत नीतिगत मदद से व्यापक आधार पर समावेशी वृद्धि को ताकत मिलेगी। इनसे देश आने वाले वित्त वर्ष में मजबूत और टिकाऊ वृद्धि की राह पर लौट आएगा।’ रिपोर्ट में कहा गया कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में पुनरुद्धार से अधिक की उम्मीद जगाते हैं। 

कोरोना वायरस महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। पिछले दिनों संसद में प्रस्तुत वार्षिक आर्थिक समीक्षा में 2021-22 में वृद्धि दर 11 फीसदी पर पहुंच जाने की उम्मीद व्यक्त की गई है। बजट में भी वास्तविक जीडीपी में 10 से 10.50 फीसदी की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है। 

साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, ‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने उत्पादन में 11.5 फीसदी की वृद्धि, आर्थिक सर्वेक्षण ने 11 फीसदी की आर्थिक वृद्धि और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 10.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है। ऐसे में यह वित्त वर्ष पुनर्निर्माण वाला रहने वाला है। आईएमएफ ने 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इस तरह भारत पुन: सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।’