कांग्रेस मिशन 2022 : उत्तराखंड में बड़ा चुनावी फेरबदल कर सबको खुश करने की पूरी कोशिश, फिर भी उठे विरोध के सुर

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आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा चुनावी फेरबदल कर सबको खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी विरोध से सुर उठ रहे हैं।

धारचूला विधायक हरीश धामी ने चुनाव कमेटी की कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब पूर्व मंत्री नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया है।

हालांकि उन्होंने साफ शब्दों में कुछ नहीं कहा, लेकिन उनका कहना है कि मैं कोर कमेटी का सदस्य नहीं बनना चाहता हूं। नवप्रभात ने कमेटी की सदस्यता लेने से इनकार कर दिया है। वहीं हरीश धामी भी दो दिन के दौर पर ऊधमसिंह नगर रवाना हो गए हैं।

कई बैठकों के बाद आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने  2022 के विधानसभा चुनाव अभियान के लिए गुरुवार को अपनी सेना का एलान कर दिया। कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस के एक प्रदेश अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फार्मूले को उत्तराखंड में लागू किया है।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव कमेटी की कमान सौंपकर पार्टी ने भविष्य की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया है।

पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जहां हरीश रावत खुश किया गया तो वहीं कुमाऊं से भुवन कापड़ी और तिलक राज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए प्रीतम सिंह को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है।

गढ़वाल से पूर्व विधायक प्रो. जीत राम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया तो वहीं रंजीत रावत को भी यह अहम जिम्मेदारी मिली। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस समन्वय समिति की कमान सौंपी गई। इसी तरह नव प्रभात, प्रदीप टम्टा, नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश को भी महत्व दिया गया।