गंगा किनारे शव दफनाने पर बढ़ा विवाद, सीएम योगी के निजी दफ्तर ने ट्वीट कर दी सफाई, बताया- ‘घाट पर अरसे से शव दफनाने की रही है परंपरा’

    1044

    उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे शवों को दफनाने पर सियासत तेज होती जा रही है. कई तस्वीरें सामने आने के बाद तमाम सियासी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है. यही नहीं, देश-विदेश की मीडिया ने इन तस्वीरों को जगह दी है. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निजी दफ्तर ने ट्वीटर पर इस पूरे प्रकरण पर अपनी सफाई दी है. इसके मुताबिक, तीन साल पहले भी ऐसी ही तस्वीर थी. अपने ट्वीट में एक अखबार की खबर का संदर्भ लेते हुये अपनी बात कही है.

    आपको बता दें कि, प्रयागराज, उन्नाव, बलिया में गंगा के किनारे शवों को दफनाया गया था. ये सभी शव गंगा में उतराते हुये किनारे पर आकर लगे थे. वहीं इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सरकार पर विपक्ष हमलावर है. वहीं, कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को लेकर सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़ा किया गया था.

    निजी दफ्तर ने किया ट्वीट

    निजी दफ्तर के ट्वीट में जिस खबर का जिक्र किया गया है, उसके मुताबिक, ये तस्वीर तीन साल पुरानी मार्च 2018 की है. इसके अलावा खबर में कहा गया है कि, उस वक्त कोरोना आपदा भी नहीं थे. इसके मुताबिक ये एक हिंदू परंपरा थी, जो वर्षों से चली आ रही थी. इसमें बताया गया कि, प्रयागराज स्थित फाफामऊ के घाट पर शव को दफनाने की परंपरा रही है।

    बहराहल, यूपी में गंगा किनारे लाशों के दफनाने का प्रकरण अब तूल पकड़ता जा रहा है. आने वाले वक्त में इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ सकते हैं.