चीनी सरकार के निशाने पर जैक मा – अलीबाबा के फाउंडर पर एक और एक्शन, अब उद्यमी नेता भी नहीं रहे

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शंघाई. चीन न केवल दुनिया में अपनी दादागीरी दिखाने में जुटा है बल्कि वह देश में भी अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है. इसी क्रम में चीन के दिग्गज उद्योगपति और अलीबाबा समूह के संस्थापक (Alibaba Group) जैक मा (Jack Ma) पर ड्रैगन की निगाहें टेढ़ी ही हैं. अब चीन ने मा को उद्यमी नेता (Chinese Entrepreneurial Leaders) की सूची से उनका नाम हटा दिया है. इस कदम से यह पता चलता है कि राष्ट्रपति शी जिनफिंग (Xi Jinping) प्रशासन से उनके रिश्ते किस हद तक खराब हो चुके हैं.

दुनिया और चीन के दिग्गज उद्योगपति जैक मा का नाम सरकारी मीडिया शंघाई सिक्यूरिटीज न्यूज (Shanghai Securities News) के पहले पेज पर भी जगह नहीं मिली है. सरकारी मीडिया में उनका नाम उद्यमी नेता से भी हटा दिया गया है. वहीं, सरकारी मीडिया में मा के अलवा हुआवेई टेक्नोलॉजी (Huawei Technologies) के रेन झेंगफेई (Ren Zhengfei), शाओमी के लेई जून ( Lei Jun) और बीवाईडी (BYD) के वांग चाउंफू ( Wang Chuanfu) का उनके योगदान के लिए काफी तारीफ की गई है.

यह रिपोर्ट तब प्रकाशित हुई थी जब अलीबाबा समूह की तिमाही आय का आंकड़ा आने वाला है. अलीबाबा समूह ने अभी ताजा घटनाक्रम पर कोई जानकारी नहीं दी है. बता दें कि चीनी अधिकारी जैक मा के खिलाफ एंटी ट्रस्ट जांच में जुटी हुई है और उनके समूह के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को रोक दिया था.

चीनी सरकार के निशाने पर जैक मा
दुनियाभर में करोड़ों लोगों के आदर्श रहे जैक मा ने सरकार से आह्वान किया था कि ऐसे सिस्‍टम में बदलाव किया जाए जो ‘बिजनस में नई चीजें शुरू करने के प्रयास को दबाने’ का प्रयास करे. इसके बाद से चीनी सरकार उनके खिलाफ एक्टिव हो गई है. मा के खिलाफ कई तरह की जांच चल रही है. उन्‍होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों लोगों का क्‍लब’ करार दिया था. इस भाषण के बाद चीन की सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी भड़क गई थी. इसके बाद मा के बिजनस के खिलाफ असाधारण प्रतिबंध लगाया जाना शुरू कर दिया गया.