भारत में कोरोना की दूसरी लहर मचा रही तबाही, स्थिति देख चीन बोला- हम मदद करने को तैयार

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    देश में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस महामारी कहर बरपा रही है, लेकिन कुछ दिनों पहले शुरू हुई दूसरी लहर में सभी रिकॉर्ड्स टूट गए हैं। देश के कई अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन की कमी होने लगी है, जिसके चलते कई मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। दूसरी लहर के कहर के बीच पड़ोसी देश चीन मदद के लिए सामने आया है। चीन ने गुरुवार को कहा है कि वह भारत को महामारी से सहायता और मेडिकल सप्लाई देने के लिए तैयार है। मालूम हो कि कोरोना वायरस की शुरुआत साल 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर से ही हुई थी, जिसके बाद पूरी दुनिया में यह वायरस फैल गया। अभी तक लाखों लोगों की महामारी के चपेट में आने की वजह से मौत हो चुकी है।

    दुनिया के सभी रिकॉर्ड्स हुए ध्वस्त
    भारत में भी रोजाना रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आ रहे हैं। गुरुवार को सामने आए आंकड़ों के अनुसार, देश में 24 घंटे में 3,14,835 नए मामले मिले हैं। इतने मामले जब से महामारी की शुरुआत हुई है, तब से दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में सामने नहीं आए हैं। भारत में पिछले 24 घंटों में 2104 लोगों की जान चली गई है। देश में अभी तक डेढ़ करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मामलों में दूसरे स्थान पर है।

    ‘नई दिल्ली की मदद को बीजिंग तैयार’
    चीनी मीडिया द्वारा गुरुवार को भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीजिंग मदद करने के लिए तैयार है। वांग ने कहा, ”कोविड -19 महामारी सभी मानव जाति की सामान्य दुश्मन है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को महामारी से लड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत है।”

    ‘भारत में मेडिकल सप्लाई की अस्थायी कमी’
    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे बताया, ”चीनी पक्ष ने कहा है कि भारत में महामारी की स्थिति गंभीर है और महामारी की रोकथाम और चिकित्सा आपूर्ति की अस्थायी कमी है। हम भारत को आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं ताकि वे महामारी को नियंत्रित कर सकें।” हालांकि, अभी यह नहीं पता चल सका है कि क्या बीजिंग ने मदद के लिए नई दिल्ली को कोई आधिकारिक रूप से ऑफर दिया है या नहीं।

    भारत भी कर चुका है चीन की मदद
    हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को पता चला है कि कई भारतीय प्राइवेट कंपनियां चीन से सप्लाई लेने के लिए कोशिश कर रही हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में एयर फ्रेट की लागत में अचानक बढ़ोतरी हुई है, जिससे उन पर असर पड़ा है। पिछले साल जब चीन में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा था, तब भारत उन देशों में शामिल था जिन्होंने बीजिंग की मदद की थी।

    पिछले साल चीन को भेजी गई थी 15 टन की मेडिकल सप्लाई
    भारत ने पिछले साल 15 टन की मेडिकल सप्लाई जिसमें मास्क, ग्लव्स और इमरजेंसी मेडिकल के सामान थे, उन्हें चीन को दिया था। इनकी कीमत उस समय दो करोड़ से अधिक थी। पिछले साल मार्च में लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया था कि मेडिकल सप्लाई में एक लाख सर्जिकल मास्क, पांच लाख सर्जिकल ग्लव्स, चार हजार एन-95 मास्क, 75 इन्फ्यूजन पंप्स आदि सामान चीन भेजे गए हैं। वहीं, फरवरी 2020 में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखा था और महामारी से निपटने के लिए भारत द्वारा सहायता देने की बात कही थी।