महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चेतावनी: अगले 48 घंटे अहम, लोगों ने नहीं बरती सावधानी तो लॉकडाउन लगना तय

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कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी इजाफे का सामना कर रहे महाराष्ट्र के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपने संबोधन में लोगों द्वारा खुद से पाबंदियों का पालन ना करने की सूरत में दोबारा संपूर्ण लॉकडाउन की चेतावनी दी है. ठाकरे ने कहा कि लोग आवश्यक सावधानी नहीं बरत रहे हैं. राज्य में स्थिति चिंताजनक है. अगर यह जारी रहा तो अगले 15-20 दिनों में हमारा स्वास्थ्य ढांचा स्थिति का सामना नहीं कर पाएगा.’

उद्धव ठाकरे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के मामलों की रोकथाम के लिए एक या दो दिनों में सख्त पाबंदी लगायी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘अगर मौजूदा स्थिति बनी रही तो मैं लॉकडाउन लगाने की आशंका से इनकार नहीं सकता.’

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 47,827 मामले सामने आये जो कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से राज्य में संक्रमण के एक दिन में सामने आये सर्वाधिक मामले हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य में 2.2 लाख आइसोलेशन बेड हैं जिनमें से 62 फीसदी भरे हुए हैं . 20,519 आईसीयू बिस्तरों में से 48 फीसदी पर मरीज भर्ती हैं, जबकि ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले 62,000 बिस्तरों में से 25 फीसदी पर मरीज हैं. इसी तरह 9,347 वेंटिलेटर में से 25 फीसदी पर मरीज हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम बिस्तरों, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले बिस्तरों की संख्या में इजाफा करेंगे लेकिन स्वास्थ्य पेशेवरों को लेकर क्या करेंगे? हम और अधिक स्वास्थ्यकर्मी कहां से लाएंगे? पिछले एक साल में अधिकतर स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 की चपेट में आए हैं.’

ठाकरे ने कहा, ‘अब तक कोविड-19 टीके की 65 लाख खुराकें दी गयी हैं. बृहस्पतिवार को तीन लाख खुराकें दी गयी थी.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग टीकाकरण के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं क्योंकि वे मास्क नहीं पहन रहे. सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में रोजाना 2.5 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का लक्ष्य रख रहे हैं.

ठाकरे ने कहा कि लोगों को कोविड-19 के संबंध में नियमों का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार गरीबों की आजीविका और अर्थव्यवस्था की रक्षा करना चाहती है, लेकिन हम लोगों का जीवन भी बचाना चाहते हैं.’ मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे महामारी की परिस्थिति का राजनीतिकरण नहीं करें.