चमोली आपदा: तपोवन टनल के अंदर आज एक हफ्ते बाद 3 शव मिले, खुदाई का काम हुआ तेज़; 165 अभी भी लापता

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उत्तराखंड के चमोली जिले मे स्थित तपोवन टनल में 130 मीटर खुदाई के बाद रविवार को एक और शव मिला, जिसमें एक इलेट्रीशियन शामिल है. आज अब तक तीन शव निकाले गए. उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक दो शवों की शिनाख्त कर ली गई है. 165 लोग अभी भी लापता हैं. खुदाई का काम तेज कर दिया गया है. उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक दो शवों की शिनाख्त कर ली गई है. शवों की पहचान आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी लोयल डोगी, पोस्ट-गूलर थाना मुनकीरेती टिहरी गढ़वाल उम्र 45 वर्ष और अनिल पुत्र भगतू निवासी ददोली समाल्टा थाना-तहसील कालसी देहरादून हाल निवासी रित्विक तपोवन उम्र 45 वर्ष के रूप में हुई है.

चमोली की डीएम स्वाति भदोरिया का कहना है कि टनल मेंं रेस्क्यू ऑपरेशन और तेज किया जाएगा. हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक 14 से 16 फ़रवरी के बीच पूरे इलाके में मौसम खराब रहेगा. बारिश की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू टीम की परेशानी बढ़ सकती है. उत्तरखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन टनल में 7 फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज दो शव टनल से निकाले गए. उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ अब कैमरे के जरिये टनल के भीतर लोगों को तलाश करने की कोशिश करेगा.

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा के बाद ऋषि गंगा की अपर स्ट्रीम में बनी झील से फिलहाल कोई भी खतरा नहीं है. इस झील से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. इस झील के सामने आने से खतरे की आशंका जताई गई थी. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने इसकी जांच की. टीम ने झील की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर झील का स्थलीय निरीक्षण कर आलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है.

डीजीपी ने झील के किनारे वार्निंग ऑटोमेटिक अलार्म सिस्टम भी लगाने की बात कही है. ये सिस्टम तब यूज में आएगा जब झील से कोई बड़ा खतरा बन रहा हो तो सिस्टम ओटोमेटिक अलार्म देकर लोगों को अलर्ट करेगा. ये सिस्टम पेंग गावं, रैणी और तपोवन में लगाया जाएगा. डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि जब तक अलार्म सिस्टम नहीं लगता है तब तक एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है, जो अलार्मिंग सिस्टम का काम करेंगीं. टीम तीनों गांव में रहेगी.

गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार (7 फरवरी) को ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर फटने से भीषण तबाही आई. बाढ़ से कई गांवों में तबाही मच गई. इसके बाद से आपदा में फंसे सैकड़ों लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू दिन-रात ऑपरेशन चल रहा है.