ममता बनर्जी का समीक्षा बैठक में देरी से आना मुख्य सचिव पर पड़ा भारी, केंद्र ने तत्काल प्रभाव से बंदोपाध्याय का किया तबादला

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शुक्रवार को पीएम मोदी द्वारा कोलकाता में बुलाई गई तूफान को लेकर समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के नदारद रहने के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया। बंगाल सरकार को मुख्य सचिव बंदोपाध्याय को तत्काल रिलीव करने का आदेश दिया गया है, ताकि उन्हें केंद्र में अन्यत्र पदस्थ किया जा सके। इससे केंद्र व ममता सरकार के बीच नए सिरे से घमासान छिड़ने का संकेत है। 

बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का बतौर मुख्य सचिव कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन चार दिन पहले ही ममता बनर्जी ने उनका कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया था।  अलपन बंदोपाध्याय को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, अलपन बंदोपाध्याय को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले दिल्ली में रिपोर्ट करना है। केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है। 

पीएम की बैठक में सुवेंदु अधिकारी को बुलाने पर हुआ बवाल
केंद्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब शुक्रवार को पीएम मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को लेकर बवाल खड़ा हो गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार चक्रवात यास को लेकर आयोजित पीएम मोदी की बैठक में सीएम ममता बनर्जी करीब आधे घंटे देरी से पहुंचीं। कुछ देर बैठक में रुकने के बाद ममता बनर्जी कुछ कागजात देकर निकल गई थीं। उस वक्त उनके साथ मुख्य सचिव बंदोपाध्याय भी थे। 

ममता ने मांगा 20 हजार करोड़ का पैकेज
पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात ‘यास’ के कारण राज्य को हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है।