CDS बिपिन रावत बोले- भारत के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा – लेकिन हमारी सेना किसी भी दुस्साहस से निपटने को तैयार

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    Army Helicopter Crash

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि चीन भारत की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने एक मीडिया कॉन्क्लेव में कहा कि पिछले साल सीमा की सुरक्षा के लिए भेजे गए हजारों सैनिक और हथियार लंबे समय तक बेस पर नहीं लौट पाएंगे. सीडीएस ने गुरुवार को बताया कि ‘विश्वास’ की कमी और बढ़ते ‘संदेह’ के कारण परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसी देशों (भारत-चीन) के बीच सीमा विवाद नहीं सुलझ पा रहा. बीते महीने, भारतीय और चीनी सैन्य कमांडरों के बीच 13वें दौर की वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई क्योंकि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत नहीं हो सके कि सीमा से कैसे पीछे हटना है.

    वहीं बीते साल भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई चार दशक की सबसे हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का फोकस दुश्मन देश पाकिस्तान से हटकर अब चीन पर आ गया है (India China Relations). रिपोर्ट्स बताती हैं, बीते साल 3,488 किलोमीटर (2,170 मील) की सीमा पर हुई इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जबकि चीन के चार सैनिकों की मौत हुई थी. ऐसा भी कहा जाता है, कि चीन ने अपने सैनिकों की मौत की बात छिपाई है और असल संख्या की आज तक जानकारी नहीं दी.

    सेना और हथियार बढ़ा रहे दोनों देश
    रावत ने बताया कि लद्दाख में एलएसी पर हुए इस संघर्ष के बाद से चीन और भारत सीमा पर सैनिक, हथियार और बुनियादी ढांचा तेजी से बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सीमा और समुद्र में किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए तैयार है. सीडीएस ने ये बात ऐसे वक्त पर कही है, जब विदेश मंत्रालय ने विवादित क्षेत्र पर चीनी निर्माण की आलोचना की है. रावत ने कहा, ‘चीनी संभवत: गांव (एलएसी के पास) बसा रहे हैं. जहां भविष्य में नागरिकों को बसाया जा सकता है या फिर सेना के ठिकानों के तौर पर इनका इस्तेमाल हो सकता है. चीन ने ये कदम दोनों देशों के बीच हुई तनातनी के बाद उठाया है.’

    अफगानिस्तान को लेकर जताई चिंता
    सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान के मसले पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि तालिबान के शासन से भारत की सुरक्षा प्रभावित होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के अशांत उत्तरी हिस्से में आतंकवादियों को अफगानिस्तान से गोला-बारूद का समर्थन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. भारत के सैन्य नेतृत्व को इस बात की चिंता है कि आतंकवादी समूह की सत्ता में वापसी से क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों को मदद मिल सकती है, फिर भले ही सीमा सुरक्षा को मजबूत कर दिया गया हो. उन्होंने कहा कि दुश्मनी वाला रवैया रखने वाले तालिबान और चीन के पाकिस्तान से जुड़े सुरक्षा मुद्दों ने भारतीय सेना के लिए ये जरूरी बना दिया है कि वह उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ थिएटर कमांड पुनर्गठित करे.