केंद्रीय बजट 2021 से जम्मू-कश्मीर को मिली गैस पाइपलाइन की सौगात, 12 साल से ठंडे बस्ते में पड़ी थी योजना, इसी साल शुरू होगा दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे का प्रोजेक्ट

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बजट में गैस पाइपलाइन योजना की सौगात मिली है। इसके साथ ही प्रदेश के लिए महत्त्वपूर्ण परियोजना दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे का काम भी वर्ष 2021-22 में शुरू किए जाने की घोषणा की गई है। गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट शुरू होने पर जम्मू-कश्मीर में लोगों को घर-घर गैस कनेक्शन मिलेगा।

केंद्रीय बजट में इसके अलावा प्रदेश के लिए चालू वित्त वर्ष की तर्ज पर 30757 करोड़ की वित्तीय सहायता का एलान किया गया है। रक्षा और बिजली क्षेत्र के लिए भी बजट में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है।

गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट बठिंडा से जम्मू होते हुए श्रीनगर तक 2008 में तैयार की गई थी। सात जुलाई 2011 को पेट्रोलियम एवं गैस नियामक बोर्ड ने गुजरात की एक कंपनी को इसे शुरू करने का काम सौंपा। सर्वे का काम भी शुरू हुआ था, लेकिन भूमि अधिग्रहण में दिक्कतों के कारण यह अधर में लटक गई। भाजपा-पीडीपी के शासनकाल में इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन यह परवान न चढ़ सकी।

855 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के तहत गैस पाइप लाइन बठिंडा से शुरू होकर प्रदेश के कठुआ, सांबा, जम्म, उधमपुर, रामबन, अनंतनाग व पुलवामा जिले से होते हुए श्रीनगर में जाकर पूरी होनी थी। गैस पाइप लाइन बिछाने का काम 2014 में पूरा होना था। बाद में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में 2018 में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में प्रोजेक्ट को पूरा करने की समयावधि दो साल बढ़ा दी गई।

वहीं, 634 किलोमीटर दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस वे की घोषणा तो पहले हो चुकी थी। इस बार इसे बजट में शामिल कर लिया गया है। इस पर 35 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। दो साल में इस परियोजना को शुरू करने की योजना है। एक्सप्रेस वे से सात घंटे में दिल्ली से कटड़ा पहुंचा जा सकेगा। प्रोजेक्ट के लिए सर्वे के साथ ही भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके धरातल पर उतरने से लोग तीर्थस्थलों अमृतसर व कटड़ा का आसानी से दर्शन कर सकेंगे। एक्सप्रेस वे से औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा। रोजगार का सृजन होगा।