Britain की MI-5 ने चीनी महिला जासूस को लेकर दी नेताओ को चेतावनी

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Chinese Spy in Britain
Chinese Spy in Britain

Britain की खुफिया एजेंसी MI-5 ने चीन की एक महिला जासूस को लेकर नेताओं को चेतावनी दी है. जिसमें कहा गया है कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी को दान देने वाली महिला चीन की जासूस है. उसके एक पूर्व ब्रिटिश सांसद के साथ करीबी संबंध हैं. MI-5 का कहना है कि खुफिया एजेंसियां क्रिस्टीन ली नाम की इस महिला की निगरानी कर रही हैं. उसपर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए जासूसी करने का आरोप है.

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने कहा कि चीनी जासूस को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. ना ही उसे अभी देश से निकाला जा रहा है. लेकिन ब्रिटिश संसद के अध्यक्ष के संसदीय सुरक्षा दल ने वेस्टमिंस्टर में सभी सांसदों और सहकर्मियों को चेतावनी भरा संदेश भेजा है. जिसमें बताया गया है कि क्रिस्टीन ली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त मोर्चा मामलों के विभाग की ओर से जानबूझकर राजनीतिक हस्तक्षेप वाली गतिविधियों में लिप्त रही है. स्पीकर ने ये बात भी साफतौर पर कही कि अभी तक किसी भी ब्रिटिश राजनेता पर आपराधिक मामलों से जुड़े होने का संदेह नहीं है.

क्रिस्टीन ली की बात करें, तो वह लंदन में रहने वाली वकील है. जो लंदन में ही चीनी दूतावास में मुख्य कानूनी सलाहकार भी रह चुकी है. वह अभी प्रवासी चीनी मामलों के कार्यालय की कानूनी सलाहकार है. साथ ही ली वेस्टमिंस्टर में इंटर-पार्टी चाइना ग्रुप की सचिव है (UK MP’s Link With Chinese Spy). चीनी जासूस ने लेबर पीर्टी के नेता जेरेम कॉर्बिन के सहयोगी बैरी गार्डिनर को 500,000 पाउंड से अधिक दान में दिए हैं. ताकि उनके बेटे के साथ ऑफिस में काम किया जा सके. इसके अलावा उसने लेबर पार्टी को कई बार हजारों सैकड़ों पाउंड दान किए हैं. उसके इस तरह दान देने के मामलों में करीब पांच साल पहले सवाल उठे थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

हैरानी की बात ये है कि चीनी जासूस ने लेबर पार्टी के अलावा साल 2005 में लिबरल डेमोक्रेट्स (Liberal Democrats) पार्टी को भी 5,000 पाउंड दान में दिए थे. 2013 में ली ने दोबारा पार्टी के नेता एड डेवे को 5,000 पाउंड दिए. जो उस समय की गठबंधन सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. ली के कंजरवेटिव पार्टी (Conservatice Party UK) के साथ भी लिंक जुडे़ हुए हैं. वह डेविड कैमरन से उस वक्त कई बार मिलीं, जब वह देश के प्रधानमंत्री के पद पर थे. चीन के जासूस केवल ब्रिटेन में ही नहीं बल्कि अमेरिका, फ्रांस और नीदरलैंड में भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं. फ्रांस ने इसी तरह की चेतावनी 2011 में जारी की थी. उसने कहा था कि चीन हनी ट्रैप में फंसाने के लिए बड़ी संख्या में अपने जासूस भेज रहा है.