बिहार में गंगा का रौद्र रूप अब भी जारी, 156 गांव बाढ़ से प्रभावित, पानी में करंट फैलने से झुलसे 3 बच्चे 1 की मौत

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लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. हालात ये हो गए हैं कि पानी बढ़ने की वजह से बांध में रिसाव शुरू हो गया है. जिसकी वजह से 156 गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं. लोग अब वहां से पलायन को मजबूर हैं. सोमवार को बाढ़ के पानी में डूबने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई. जिन जगहों पर पहले पानी नहीं पहुंचता था. वह इलाके भी इन दिनों जलमग्न नजर आ रहे हैं.

शाम्हो में बाढ़ का पानी घुसने की वजह से किसानों का हाल बहुत ही बुरा है. उन की हजारों बीधा फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. करोड़ों रुपये की फसल अब तक बर्बाद हो चुकी है. लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. जानवरों के खाने के लिए हरा चारा तक नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वदह से दर्जनों परिवार अब तक घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर जा चुके हैं.

156 गांव के लोग बाढ़ की वजह से काफी परेशानी से जूझ रहे हैं. पानी में करंट फैलने की वजह से एक शख्स की जान चली गई. बेगूसराय जिले के 70 हजार लोग इन दिनों बाढ़ से जूझ रहे हैं. गंगा का जलस्तर पिछले 12 दिनों से लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को हाथीदह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर 53 सेमी ऊपर पहुंच गया. हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि बाढ़ के पानी में करंट फैल गया. जिसकी वजह से 3 बच्चे बुरी तरह से झुलस गए. बच्चों को तुरंत SKMCH में भर्ती कराया गया. सभी बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से जमालपुर से साहिबगंज तक ट्रेन सेवा ठप हो गई है. पिछले दो दिनों से ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. बाढ़ का पानी लैलख ममलखा के पास ब्रिज संख्या-144 ए के गार्डर तक पहुंच गया है. यही वजह है कि तुरंत ट्रेन सेवा रोकने का आदेश डीएम की तरफ से दिया गया. इस रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या फिर रूट को दुमका और बांका की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है. बाढ़ के हालात पर नजर रखने के लिए रेलने ने पुल के पास पेट्रोलिंग टीम को तैनात किया है. जलस्तर कम होने के बाद ही फिर से ट्रेन सेवा शुरू की जा सकेगी.

गंगा के उफान की वजह से समस्तीपुर से सैकड़ों गांव भी जलमग्न हो गए हैं. बूढ़ी गंडक और गंडक नदी को छोड़कर सभी नदियां उफआन पर हैं. सास्तीपुर प्रखंड में बाढ़ से हालात बहुत ही खराब हैं. पटोरी प्रखंड के धमौन में बछवारा-हाजीपुर एनएच पर भी बाढ़ का पानी घुस गया. अगल जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो आवाजाही पर असर पड़ सकता है.

सोमवार को कोसी बैराज से 2 लाख 56 हजार 20 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जो इस साल छोड़ा गया सबसे ज्यादा पानी था. सीतामढ़ी के सिृुरसंड नगर पंचायत के वार्ड-5 में भी नदी का पानी घपस गया है. शहर के निचले इलाकों में पानी घुसने की वजह से लोग काफी परेशान है. हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.