बिहार स्‍वास्‍थ्‍य विभाग कोरोना वैक्‍सीन देने की तैयारी में जुटा, पटना में 405 अस्पताल चिह्नित

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vaccination for children
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कोरोना वायरस की वैक्‍सीन आने की उम्‍मीद के बीच इसे देने की तैयारियां आरंभ कर दी गईं हैं। बिहार में सबसे पहले फ्रंट लाइन हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए पटना के 332 निजी और 73 सरकारी अस्पताल चिह्नित किए गए हैं। इस बीच पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों को चिह्नित कर जांच कराने को कहा है। उन्‍होंने निजी एवं सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों की सूची अविलंब तैयार करने का भी निर्देश दिया है।

कोरोना से बचाव की वैक्‍सीन के जल्‍द ही उपलब्‍ध हाे जाने की उम्‍मीद है। ऐसी एक वैक्‍सीन का तीसरे चरण का मानव परीक्षण पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में भी चल रहा है। पटना एम्‍स के अनुसार अगर सबकुछ ठीक रहा तो वैक्‍सीन अगले साल के पहले चरण में उपलब्‍ध हो जाएगी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्‍सीन के कुछ हफ्तों में उपलब्‍ध हो जाने के संकेत दिए हैं। इन बातों को देखते हुए बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने भी अपनी तैयारी आरंभ कर दी है।

पहले चरण में कोरोना संक्रमण से जूझने वाले डॉक्‍टरों व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को वैक्‍सीन दी जानी है। इसके लिए स्‍वास्‍थ्‍स विभाग आंकड़े इकट्ठा कर रहा है। बताया जाता है कि पटना के सिविल सर्जन कार्यालय के पास अधिकांश सरकारी अस्पतालों के आंकड़े पहुंच चुके हैं। हालांकि, अभी 20 फीसद निजी अस्पतालों के आंकड़े ही पहुंचे हैं। जिलाधिकारी ने आंकड़ा संग्रह करने के काम में तेजी का निर्देश दिया है।

जिलाधिकारी ने संक्रमित मरीजों एवं होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के यहां विजिट कर दवा देने एवं उनका हालचाल जानने तथा फॉलोअप करने का भी निर्देश दिया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। कंटेनमेंट जोन में टेस्ट बढ़ाने व हर दिन एक हजार जांच करने का नया लक्ष्य दिया गया।