Ayesha suicide case: दहेज प्रताड़ना से तंग आकर साबरमती में कूदी थी आयशा, पुलिस ने पति को राजस्‍थान के पाली से किया गिरफ्तार

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अहमदाबाद की आयशा बानो मकरानी के आत्‍महत्‍या मामले में गुजरात पुलिस ने फरार पति और आरोपी आरिफ खान को राजस्थान के पाली से गिरफ्तार कर लिया है। अहमदाबाद के वातवा में अल्मीना पार्क की रहने वाली आयशा ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था और फिर 25 फरवरी दोपहर को साबरमती नदी में कूद गई। बाद में वह वीडियो वायरल हो गया था। इस मामले में कथित तौर पर पति द्वारा उत्पीड़न का मामला सामने आया है, उनकी शादी 2018 में हुई थी। आरिफ खान के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

साबरमती रिवरफ्रंट वेस्ट पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक वीएम देसाई ने कहा कि आरिफ खान को राजस्थान के पाली से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले एक पुलिस टीम जालौर उसके निवास पहुंची थी जहां वह नहीं मिला था। बाद में तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से हमने आरोपी को पाली से पकड़ लिया। उसे ट्रांजिट रिमांड पर मंगलवार को अहमदाबाद लाया जाएगा।

आयशा आईसीआईसीआई बैंक म्यूचुअल फंड डिवीजन की कर्मचारी थी और अहमदाबाद के रिलीफ रोड स्थित एसवी कॉमर्स कॉलेज में अर्थशास्त्र में एमए की अंतिम वर्ष की छात्रा थी। उसने 6 जुलाई 2018 को खनन विभाग में काम करने वाले आरिफ से शादी की थी। हालांकि, आरिफ द्वारा कथित शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के कारण आयशा 10 मार्च, 2020 से वातवा में अपने निवास पर रह रही थी। शिकायत के मुताबिक, शादी के कुछ दिनों में आरिफ के परिवारवाले दहेज की मांग करने लगे। उस साल दिसंबर में आयशा घर वापस आ गई लेकिन समुदाय के लोगों के दखल के बाद वह वापस चली गई। आरिफ को आयशा के परिवार ने 1.5 लाख रुपये भी दिए, लेकिन चीजें नहीं बदलीं।

25 फरवरी की दोपहर को आयशा ने दो मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया था जिसमें उसने अपने पिता लियाकत अली मकरानी से एक भावनात्मक अपील की थी कि वह अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में छोड़ देने का अनुरोध किया था। उसने कहा था कि वह साबरमती नदी में कूदने से पहले आरिफ को स्वतंत्रता दे रही है।

आयशा के पिता ने कहा कि उसने 26 जनवरी 2020 को आरिफ को दहेज में 1.5 लाख रुपये का भुगतान किया था। 2019 में भी घरेलू हिंसा के मामले में वातवा पुलिस स्टेशन में आरिफ और उसके माता-पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जालौर में उसके ससुराल वालों ने आयशा की पिटाई की गई थी।

आयशा के पिता लियाकत अली मकरानी ने बताया कि 25 फरवरी को आयशा से बात की थी। उसने बताया था कि वह जान देने जा रही है। उसके पिता और मां उसे सब कुछ भूलकर घर आने के लिए बोलते रहे। आयशा की मां बोल रही थी कि ऐसा कदम नहीं उठाना। उन्हें अनहोनी की आशंका हो गई थी। उन्होंने तुरंत 100 नंबर डायल किया था और रिवरफ्रंट के किनारे आत्महत्या करके अपनी बेटी के मरने की संभावना की पुलिस को सूचना दी थी। उसी दिन अग्नि सुरक्षा अधिकारियों द्वारा आयशा का शव शाम लगभग 4:30 बजे बरामद किया गया था। आयशा के पिता लियाकत ने बताया कि उसने आरिफ को भी फोन कर बताया था कि वह जान देने जा रही और उसने कहा कि ठीक है।

आयशा ने एक वीडियो बनाते हुए कहा कि मेरी मौत के लिए किसी को दोष नहीं दें, अल्लाह से मिलने वाली हूं, दुआओं में याद रखना। पिछले सप्‍ताह साबरमती रिवर फ्रंट पर पहुंच कर उसने एक बहुत ही मार्मिक वीडियो बनाया था। उसने कहा कि वह जो कुछ करने जा रही हैं, वह सब अपनी मर्जी से कर रही है। उनकी जिंदगी इतनी ही थी, इसके लिए किसी को दोष ना देना। आयशा ने अपने पिताजी को भी एक संदेश देते हुए कहा कि उन्हें लड़ाई झगड़ा पसंद नहीं है तथा वे आजाद होना चाहती है। उसने कहा कि मुझे अच्छा परिवार अच्छे रिश्तेदार वह दोस्त मिले, लेकिन फिर भी उनकी जिंदगी खुशहाल नहीं है। अब इसके लिए किसी दोष दिया जाए। मैं कहती है कि मोहब्बत एक तरफा नहीं हो सकती है। आयशा ने शायराना अंदाज में कहा कि वह हवा की तरह है और बैठे रहना चाहती है, मुझे कहीं रुकना पसंद नहीं है, दुआओं में याद रखना। इस मैसेज के बाद आयशा ने साबरमती नदी में छलांग लगाने और अपनी जान दे दी।

रिवरफ्रंट पुलिस ने शव को बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। आयशा का मुस्कुराते हुए वीडियो बनाना और जिंदगी के फलसफे बताते हुए किसी शायराना अंदाज में लोगों को संदेश देते हुए प्यार का पैगाम बांटकर मौत को गले लगाना किसी आश्‍चर्य से कम नहीं है।