रविचंद्रन अश्विन ने इंटरव्यू में दिया बयान ‘मैंने टीम के लिए बहुत सारे मैच जीते हैं और मेरा ही कोई समर्थन नहीं कर रहा था.’

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भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल ऑफ स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने कहा कि वह बीते दो साल में कई बार इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बारे में सोच चुके हैं. अश्विन ने कहा कि वह 2018 से 2020 के बीच में कई बार चोटिल हुए थे, इस दौरान उन्हें लगता था कि वह दोबार मैदान पर नहीं उतर पाएंगे. यहां तक कि लोगों से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था. इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने सहा कि साल 2017 से 2019 के बीच उन्हें चोट लगी थी, जिससे उनका चलना भी दूभर हो गया और दर्द के कारण वह रिटायरमेंट के बारे में भी सोचने लगे.

तमिलनाडु के इस 35 वर्षीय स्पिनर ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिकइन्फो को बताया, ‘2018 और 2020 के बीच, मैंने विभिन्न बिंदुओं पर खेल को छोड़ने पर विचार किया था. चोटों के कारण मुझे बेहद परेशानी होती थी, यहां तक की मैं 6 गेंद फेंकता था तो इससे ही मेरी सांसें फूलने लगती थी. मैं जितनी मेहनत करता था, उसका मुझे फायदा नहीं हो रहा था.

रवि अश्विन ने कहा कि जब वह उस दौर से गुजर रहे थे तो लोग पर्याप्त संवेदनशील नहीं थे और उन्होंने अपने इरादे और लड़ने की इच्छा पर जोर देना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा, ‘आप मुझे कुछ भी कह सकते हैं या आप मुझे बाहर निकाल सकते हैं, जो की ठीक है. लेकिन आप मेरे इरादे या मेरे संघर्ष पर संदेह नहीं कर सकते हैं, जिससे मुझे बहुत दुख पहुंचा है.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कई कारणों से संन्यास के बारे में सोचा. मुझे लगा कि लोग मेरी चोटों के प्रति संवेदनशील नहीं थे. मैंने देखा है कि बहुत सारे लोगों का समर्थन किया गया है, मुझे क्यों नहीं? मैंने टीम के लिए बहुत सारे मैच जीते हैं और मेरा ही कोई समर्थन नहीं कर रहा है.’

अश्विन ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि उनके करियर में कई बार उतार-चढ़ाव आए हैं. ऐसे समय में उनकी पत्नी और पिता ही उनका समर्थन कर रहे थे. जो हमेशा आशावादी थे कि मैं वापसी करूंगा.