अमेरिका में भी कोरोना का डेल्टा वैरिएंट मचा रहा कोहराम, फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं कोरोना के मामले

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कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अब अमेरिका में भी कहर मचाना शुरू कर चुका है। अमेरिका में कोरोना वायरस का अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप देश में कोरोना संक्रमण के 51.7 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्रों (सीडीएस) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इस स्वरूप को बी.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है। इस स्वरूप का पहली बार भारत में दिसंबर में पता चला था और यह दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है।

अमेरिका के कुछ हिस्सों में डेल्टा स्वरूप संक्रमण के 80 प्रतिशत से अधिक नए मामलों के लिए जिम्मेदार है। सीडीसी के अनुमानों के अनुसार यूटा और कोलोराडो सहित पश्चिमी राज्यों में संक्रमण के 74.3 प्रतिशत मामलों और टेक्सास, लुइसियाना, अर्कांसस और ओक्लाहोमा जैसे दक्षिणी राज्यों में संक्रमण के 58.8 प्रतिशत मामलों के लिए यह डेल्टा स्वरूप जिम्मेदार है।

अधिक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है
अमेरिका के राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डॉ. एंथनी फाउची ने मंगलवार को बताया कि टीकाकरण कराना क्यों जरूरी है तो इसका कारण यह स्वरूप है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उन्हें इस स्वरूप से संक्रमित होने का बहुत खतरा है। उन्होंने कहा कि यह स्वरूप न केवल अधिक संक्रामक है बल्कि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है।

छह ब्रेकथ्रू मामले सामने आए
विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले हफ्तों में इसके देश में सबसे अधिक संक्रामक रूप लेने की आशंका है। टेक्सास में गैल्वेस्टन काउंटी हेल्थ डिस्ट्रिक्ट के अनुसार 450 से अधिक वयस्कों और युवाओं ने गैल्वेस्टन काउंटी के एक शिविर में भाग लिया और 57 मामलों की पुष्टि की गई है। अधिकारियों ने कहा कि अब तक सामने आए 57 मामलों में से छह ब्रेकथ्रू मामले हैं। कोविडरोधी दूसरा टीका लगने के 14 दिन से अधिक समय बाद संक्रमण की चपेट में आने वाले मामलों को ब्रेकथ्रू कहा जा रहा है।

तेजी से फैलने के कारण का पता लगाया जा रहा
डॉ. फिलिप केइज़र ने कहा कि हम डेल्टा स्वरूप को लेकर यह परीक्षण कर रहे हैं कि इसके समूह के बीच तेजी से फैलने का कारण क्या है। सावधान रहें, खासकर जब किसी बैठक में बच्चों की भागीदारी की योजना बना रहे हैं और उनमें से अधिकांश को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। सीडीसी के अनुसार, 12 से 15 वर्ष के बीच के पांच बच्चों में से एक को पूरी तरह से टीका लगाया जाता है। जबकि 16 से 17 साल के आयु वर्ग में, तीन में से लगभग एक को टीका लगाया गया है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि डेल्टा स्वरूप से संक्रमित वयस्कों और बच्चों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता बढ़ रही है।