उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति घोषित की है. 1 अप्रैल 2022 से यूपी में शराब की नई दुकान का लाइसेंस लेना महंगा हो जाएगा. वहीं, प्रदेश में देसी शराब की कीमतें घट जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में सभी श्रेणियों की शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस शुल्क में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. इस कदम से राज्य सरकार को 41,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा.
नई आबकारी नीति 2022-23 में FL-1 के लाइसेंस शुल्क और सिक्योरिटी में बढ़ोतरी भी शामिल है. साथ ही डिटिलेरिज के FL-1A लाइसेंस, प्रोसेसिंग फी, रिन्युअल फी, लाइसेंस फी और सिक्योरिटी शामिल है. मास्टर वेयरहाउस के रजिस्ट्रेशन फीस और रिन्युअल फी में भी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन बार के लाइसेंस फी में कोई बदलाव नहीं किया गया है.