डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने तीसरे व फाइनल ईयर की विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं तो करा लीं, लेकिन फरवरी में प्रस्तावित पहले व दूसरे वर्ष की परीक्षाएं अब मार्च में होंगी। कोरोना के बढ़ते मामले, विधानसभा चुनाव और फर्स्ट सेमेस्टर के काफी देर तक हुए प्रवेश के कारण उनका कोर्स पूरा न होना इसका कारण बना है। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रहित में ये परीक्षाएं अब 15 मार्च के बाद ही आयोजित करेगा।
विश्वविद्यालय ने इस बार पहले से ही विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं को दो भाग में बांट रखा था। पहले चरण में तीसरे व फाइनल ईयर के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की गई। हालांकि , कोरोना के बीच ऑफलाइन परीक्षाओं का विद्यार्थियों ने काफी विरोध किया। इसके लिए पहले सोशल मीडिया पर विरोध फिर धरना-प्रदर्शन भी किया। विरोध के बीच विवि प्रशासन ने कोविड नियमों के पालन व सतर्कता के साथ इनका आयोजन कर लिया। साथ ही पहले व दूसरे वर्ष की परीक्षाएं फरवरी में प्रस्तावित थीं। लेकिन इसी बीच विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई और संक्रमण भी तेजी से बढ़ा है। नियमानुसार मतदान के एक दिन पहले और एक दिन बाद विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा का आयोजन नहीं करता है, क्योंकि इनके परीक्षार्थी पूरे प्रदेश के होते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय को फरवरी में परीक्षा के लिए मात्र चार-पांच दिन ही मिल रहे थे। वहीं कोरोना भी अभी कम नहीं हो रहा है।
दूसरी तरफ कुछ विद्यार्थियों द्वारा अपना कोर्स पूरा न होने की भी बात उठाई है। इसे देखते हुए नवागत कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने विश्वविद्यालय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसके बारे में जानकारी ली। साथ ही पहले व दूसरे वर्ष की प्रस्तावित परीक्षाएं मार्च में कराने का निर्णय लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि तब तक कोरोना भी कम हो जाएगा। इसके अनुसार परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन कराने पर निर्णय लिया जाएगा।
फिर ऑनलाइन परीक्षा की उठा रहे मांग
तीसरे व फाइनल ईयर की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने के लिए आंदोलन कर रहे विद्यार्थी अब पहले व दूसरे वर्ष की परीक्षाएं भी ऑनलाइन कराने की मांग कर रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छात्र ट्विटर पर लगातार इसके लिए अभियान चला रहे हैं। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को मेल भी कर रहे हैं।
ऑनलाइन पूरा कराएंगे कोर्स
एकेटीयू कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य मेरी प्राथमिकता में है। वहीं फर्स्ट सेमेस्टर को कोर्स पूरा करने का भी पर्याप्त समय नहीं मिला। इसलिए परीक्षाएं 15 मार्च के बाद प्रस्तावित करने की तैयारी है। तब तक