धुंध से बिगड़ी ताजनगरी में हालात, आंखों में जलन, और सांस लेना भी मुश्किल

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दो दिन की मामूली राहत के बाद गुरुवार को ताजनगरी की हवा बेहद खतरनाक हो गई। धुंध गहराने के कारण स्मॉग की चादर तन गई, जिस वजह से आंखों में जलन और शाम को लोगों को दम घुटता महसूस हुआ। एकाएक धुंध और सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण स्तर में 100 अंकों का उछाल आया। गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स-एक्यूआई) सूची में आगरा का एक्यूआई 373 दर्ज किया गया। शुक्रवार सुबह से वातावरण में धुंध छाई है। 

ताजनगरी की हवा में 30 गुना ज्यादा कार्बन मोनोऑक्साइड और 7 गुना ज्यादा धूल कणों के कारण बेहद खराब हालात रहे, जिस वजह से लोगों को सांस लेने में मुश्किलें आईं। आने वाले चार दिनों में स्मॉग की चादर गहराने और प्रदूषण स्तर बेहद खतरनाक हो जाने का अनुमान जताया गया है।

गुरुवार रात 11 से एक बजे के बीच पार्टिकुलेट मैटर 2.5 कणों की मात्रा उच्चतम स्तर पर पहुंची। सामान्य से 7 गुना ज्यादा 443 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक धूल कण पहुंचे। हालांकि पूरे दिन ही धूल कणों की संख्या 350 से ज्यादा बनी रही जो सामान्य से 6 गुना ज्यादा है। कार्बन मोनोऑक्साइड की खतरनाक मात्रा सबसे ज्यादा शाम 4 बजे और रात 9 बजे रही, जबकि सल्फर डाईऑक्साइड की सबसे ज्यादा मात्रा रात दो से तीन बजे के बीच रही।

पर्यावरण वैज्ञानिक चंद्र शेखर शर्मा के मुताबिक अगले चार दिनों तक धुंध और कोहरे के कारण स्मॉग और गहराएगा तथा हवा में जहर घुलता जाएगा। अगले चार दिनों में आगरा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंचने के आसार हैं। जहरीली गैसों के साथ धूल कणों की मात्रा 8 गुना तक हो सकती है, जो बेहद खतरनाक स्तर पर जा पहुंचेगी। धूल कणों को कम करने के लिए शहर में पानी का छिड़काव जरूरी है, वहीं निर्माण गतिविधियों पर रोक लगानी होगी।

गुरुवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री पर आ गया। दिन और रात का तापमान सामान्य से एक डिग्री कम दर्ज किया गया। सुबह धुंध बनी रही, जिस वजह से दृश्यता कम रही। दिन में दृश्यता 850 मीटर तक ही रही। शुक्रवार की सुबह से वातावरण में धुंध छाई है।