50 साल बाद पूर्वी एशिया की अर्थव्यवस्था में होगी धीमी वृद्धि, करीब 4 करोड़ से ज्यादा लोग हो सकते हैं गरीब: विश्व बैंक

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कोरोना वायरस महामारी के कारण पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ चीन में भी अर्थव्यवस्था 50 से ज्यादा सालों के दौरान सबसे धीमी वृद्धि कर सकती है। विश्व बैंक ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में इसका अंदेशा जताया है। इस वजह से करीब 3 करोड़ 80 लाख लोगों पर गरीबी का खतरा मंडरा रहा है। बैंक ने कहा कि 2020 में इस क्षेत्र के केवल 0.9 फीसद तक बढ़ने की उम्मीद है। यह 1967 के बाद से सबसे कम दर है।

इस वर्ष चीन में विकास दर 2% पर आने की उम्मीद थी, जिसमें सरकारी खर्च, मजबूत निर्यात और मार्च के बाद से नए कोरोनावायरस संक्रमण की कम दर होने से ऐसी उम्मीद की गई थी, लेकिन धीमी घरेलू खपत से ऐसा नहीं हो सका।

विश्व बैंक ने कहा कि पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के बाकी हिस्सों में 3.5% संकुचन का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी और इसके प्रसार को रोकने के प्रयासों से आर्थिक गतिविधि में एक महत्वपूर्ण ‘सुधार’ हुआ। 

रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों को महामारी से आर्थिक और वित्तीय प्रभाव से निकलने के लिए राजस्व जुटाने के वास्ते वित्तीय सुधार को आगे बढ़ाना होगा। साथ ही सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम श्रमिकों के एकीकरण को अर्थव्यवस्था में वापस लाने में मदद कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छी तरह से काम कर रहे सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और अच्छे कार्यान्वयन बुनियादी ढांचे वाले देश अधिक तेज़ी से और बड़े पैमाने पर इससे बाहर निकलने में सक्षम हैं।