भारत ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह बेखौफ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं और उन्हें इसके लिए प्रश्रय भी मिल रहा है. साथ ही आतंकवाद के अभिशाप पर ‘चुनिंदा दृष्टिकोण’ नहीं अपनाने और उन लोगों के ‘दोहरे मापंदड’ को उजागर करने का साहस दिखाने का आह्वान किया, जिन्होंने उन लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराईं जिनके हाथ निर्दोष लोगों के खून से सने हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करते हुए ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा’ विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों में वृद्धि इस बढ़ती चिंता को सही ठहराती है.
जयशंकर ने कहा, ‘हमारे पड़ोस में, आईएसआईएल-खोरासन (आईएसआईएल-के) अधिक ताकतवर हो गया है और लगातार अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहा है. अफगानिस्तान में होने वाले घटनाक्रम ने स्वाभाविक रूप से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है