खुशखबरी! खत्म हुई FASTag Wallet में न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत, NHAI का फैसला

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अब आपको अपने फास्टैग वॉलेट में न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बुधवार को बताया कि उसने फास्टैग वॉलेट में न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत को खत्म करने का निर्णय लिया है। एनएचएआई ने बताया कि उसके इस कदम का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर निर्बाध आवाजाही को सुनिश्चित करना है।

एनएचएआई ने एक बयान में कहा, ‘यातायात की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने, टोल प्लाजा पर लगने वाले समय को कम करने और फास्टैग की पहुंच को बढ़ाने के लिए एनएचएआई ने फास्टैग खाते/ वॉलेट में अनिवार्य रूप से न्यूनतम राशि रखने की जरूरत को खत्म करने का निर्णय लिया है, जिसे यात्री सेगमेंट (कार, जीप, वैन) के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा देना होता था।’

प्राधिकरण ने अपने बयान में कहा कि जारीकर्ता बैंक एकतरफा रूप से सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि के अलावा फास्टैग खाते/ वॉलेट की कुछ राशि को रोक रहे है। इसके चलते कई फास्टैग उपयोगकर्ताओं को अपने फास्टैग खाते/ वॉलेट में पर्याप्त राशि होने के बावजूद टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति नहीं दी गई। एनएचएआई ने बयान में आगे कहा कि इससे टोल प्लाजा पर अवांछित झंझट और देरी हो रही थी। 15 फरवरी से टाल नाकों पर भुगतान फास्टैग से कराना अनिवार्य होगा।

बता दें कि भारत में फास्टैग को सभी वाहनों पर अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं लोगों को राहत देने के लिए इसकी तिथि को भी कई बार आगे बढ़ाया गया। जिस पर अब सरकार ने अपनी मंशा साफ करते हुए बताया कि अब फास्टैग लगवाने की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। यानी 15 फरवरी तक सभी वाहनों पर इस स्टीकर का होना अनिवार्य है।

एनएचएआई के अनुसार, टोल भुगतानों में फास्टैग की वर्तमान हिस्सेदारी लगभग 75 से 80% है। जिसका अर्थ है कि प्रत्येक 100 वाहनों में लगभग 80 वाहन फास्टैग का उपयोग कर टोल गेटों पर भुगतान कर रहे हैं।