NRC के प्रति लोगों की गलत धारणा को दूर कर रही डायरेक्टर सैफ बैद्य कि फिल्म- ‘नॉइज़ ऑफ़ साइलेंस’, MX Player पर मचा रही धूम

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नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल का मकसद अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना था, साल 2019 में एनआरसी पर बड़ा घमासान मचा, मुद्दा काफी गरमाया रहा, जिसके चलते बीते साल काफी बवाल मचा। असम में लाखों हिंदू और मुस्लिमाें के नाम एनआरसी लिस्ट से हटा दिए गए थे। जिसके बाद उन पर देश छोड़ने का दबाव बना और उन्हें रिफ्यूजी बताया गया। सत्य घटना पर आधारित यह फिल्म ‘नॉयज ऑफ साइलेंस’ जिसमे किरदार के राष्ट्रीय नागरिकता साबित करने के स्ट्रगल को दर्शाया गया है।

सैफ बैद्या के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘नॉयज ऑफ साइलेंस’ इन दिनों MX Player पर काफी धमाल मचा रही है. CAA-NRC पर आधारित यह फिल्म में पूजा झा मुख्य भूमिका में है जिससे लोगो द्वारा काफी पसंद कि जा रही है।

डायरेक्टर सैफ बैद्य ने BHN News से खास बात-चीत में कहा- कि असम में लाखों लोगों की पीड़ा को चित्रित करने के एकमात्र उद्देश्य से यह फिल्म बनायीं गयी है, जिन्हें एनआरसी सूची से बाहर रखा गया था और जिन्हें अपनी नागरिकता को साबित करने के लिए कठिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, यह मूवी उनके संगर्ष को दर्शाती है।

सैफ कहते है कि इस फिल्म में CAA-NRC के सही मतलब को बताया गया है, यह फिल्म देख कर लोगो के मन से NRC को लेके जो गलत धारणा है, वह दूर होगी।

फिल्म की कहानी- म्यांमार से आई एक रोहिंग्या समुदाय की लड़की है, जो अपनी मां की तलाश कर रही है। कहानी का दूसरा पात्र एक शख्स है, जो अपनी बीवी का नाम राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में दर्ज कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खाता दिखता है। दो विपरीत कहानियां एक अहम मुकाम पर आकर एक दूसरे से टकराती हैं। भारतीय सिनेमा का ये अपनी तरह का एक अनूठा प्रयोग है, जिसमें राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को मुख्य विषय को फिल्म में शामिल किया गया है। फिल्म के निर्देशक सैफ बैद्या ने इस फिल्म की शूटिंग त्रिपुरा में की है और इसमें उन्हें वहां के स्थानीय कलाकारों की भी काफी मदद मिली है।

कौन है फिल्म की मुख्य पात्र- फिल्म के लीड रोल में जमशेदपुर की पूजा झा हैं। पूजा के काम को इसके पहले फिल्मों और वेब सीरीज में नोटिस किया गया है, लेकिन ये उनका पहला लीड रोल है। पूजा बताती हैं, मेरे सामने चुनौती ये भी थी कि मैं त्रिपुरा में शूटिंग करते हुए म्यांमार की बेटी दिखूं और एक भारतीय विषय की संवेदनशीलता को भी सहज और सरल तरीके से परदे पर पेश कर सकूं।’ फिल्म ‘नॉयज ऑफ साइलेंस’ एक ऐसे विषय को मानवीय ढंग से परदे पर पेश करती है, जिसकी परतें समझना काफी कठिन होता है। ये भावनाओं और संभावनाओं की कहानी कहती फिल्म है। प्रेम, विछोह, आकुलता और विकलता इसकी अंतर्धाराएं हैं।’