पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे एजी पेरारिवलन को बेल मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एजी पेरारिवलन को जमानत दी. दरअसल, पेरारिवलन के वकील ने अदालत में शिकायत की थी कि उनके मुवक्किल इस पर पैरोल पर है. हालांकि, पैरोल पर रहने के बावजूद उसे न तो घर से बाहर निकलने की और न ही किसी से मिलने की अनुमति है. शीर्ष अदालत इस बात पर विचार कर रही थी कि क्या उसे पेरारिवलन को जमानत देनी चाहिए, क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल ने अभी तक दोषी को जेल से से रिहा करने की उसकी याचिका पर फैसला नहीं किया है.
वहीं, केंद्र ने पेरारिवलन की याचिका का ये कहते हुए विरोध किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारे के अनुरोध पर फैसला करने के लिए राष्ट्रपति उपयुक्त अधिकारी हैं. इस मामले में 19 साल की उम्र में गिरफ्तार किए गए पेरारिवलन को मई 1999 में मौत की सजा सुनाई गई थी. उस पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने वाले बेल्ट बम को ट्रिगर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 8-वोल्ट बैटरी खरीदने का आरोप लगाया गया था. 2014 में उसकी और दो अन्य मुरुगन और संथान (दोनों श्रीलंकाई) की सजा को उनकी दया याचिकाओं के लंबे समय तक लंबित रहने के कारण उम्रकैद में बदल दिया गया था.
2015 में भी पेश की थी क्षमा याचिका
इसके तुरंत बाद, तमिलनाडु में AIADMK सरकार ने मामले के सभी सात दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. 2015 में पेरारिवलन द्वारा पेश किए गए एक क्षमा अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा विचार नहीं किया गया था. वहीं, सितंबर 2018 में संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल को क्षमा पर निर्णय लेने के लिए उचित अधिकारी समझा गया. तीन दिनों के भीतर, AIADMK सरकार ने सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी. तमिलनाडु सरकार ने 9 सितंबर, 2018 को राज्य के राज्यपाल से मामले में पेरारिवलन और छह अन्य दोषियों की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी.
कौन है एजी पेरारिवलन
बता दें कि एजी पेरारिवलन 30 जुलाई, 1971 को तमिलानाडु के वेल्लोर जिले में पैदा हुआ था. 1991 में अपनी गिरफ्तारी के समय वह इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा कर चुका था. जेल में उसने बैचलर इन कम्युटर अप्लीकेशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद एमसीए किया. ये दोनों कोर्स उसने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से किए. उसने ये एग्जाम 90 फीसदी से ज्यादा नंबर से पास किए. इसके बाद 2013 में तमिलनाडु राज्य के एक और एग्जाम में वो गोल्ड मेडलिस्ट रहा.