कंगना रनौत बोलीं- ‘प्रधानमंत्री ही हैं देश…’, रिटायर्ड IAS ने ट्विटर पर ही लगाई क्लास, कहा- ‘कृपया और पढ़ाई करें’

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देश में कोरोना वायरस रोजाना लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और नए रेकॉर्ड बना रहा है। देश में ऑक्सिजन की कमी, बेड की कमी, दवाओं की कालाबाजारी को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है। हालांकि उनके समर्थक अब भी इस भीषण आपदा के लिए प्रधानमंत्री मोदी को कोई भी दोष देने के खिलाफ हैं। शनिवार को उनकी तारीफ में ट्विटर पर उनके समर्थक #भारतकावीरपुत्रमोदी जैसे हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं।

कंगना की सलाह, प्रधानमंत्री का समर्थन करना ही धर्म और कर्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समर्थक और अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी इस हैशटैग को इस्तेमाल करते हुए लिखा, ‘जब आपके पास दुनिया का सबसे काबिल नेता हो, तो खुद प्रधानमंत्री बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उनका समर्थन करो, यही हमारा धर्म और कर्म है।’ इस पर आपत्ति जताते हुए रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, ‘कंगना जी, आप प्रधानमंत्री की समर्थक हैं या उनकी धुर विरोधी? क्यूँकि इस वक्त पर ऐसा ट्रेंड कोई दुश्मन ही करवा सकता है छवि और बिगाड़ने के लिए। जब चारों तरफ लाशें ही लाशें हैं हैं तब आपका ट्रेंड किसी की ‘मैयत’ में पटाखे फोड़ने जैसा कृत्य है। आयोडिन युक्त नमक का सेवन करो बेटा।’

कंगना ने जवाब देते हुए लिखा कि जो इंसान अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दे, और बदले में उसे सिर्फ ईर्ष्या, नफरत और झूठ मिले। ऐसे हालात में उस इंसान को जो पूरे देश का नेतृत्व कर रहा हो मनोबल देना, उसके प्रयासों की और काम की प्रशंसा करना उस पर एहसान नहीं है, इस देश पर एहसान है। कंगना ने आगे लिखा, ‘प्रधानमंत्री ही देश हैं। यह विचार रखना की वो हमसे अलग हैं तो फिर लोकतंत्र का ढोंग ही क्यूँ करना। मत देकर एक प्रतिनिधि चुनने का इतना भारी आर्थिक लागत का काम ही क्यूँ करना। प्रधानमंत्री देश के लिए पिता समान हैं। उनकी नियत पर संदेह या उनके परास्त/ हार जाने की कामना करना बेवकूफी है।’

सूर्य प्रताप सिंह ने कंगना को जवाब देते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री ही देश है?? कंगना जी, जो कोई भी आपके लिए ट्वीट लिख रहा है उसने 8वीं कक्षा तक भी ‘नागरिकशास्त्र’ की किताब नहीं पढ़ी है। लोकतंत्र शासन का वह प्रकार है, जिसमें प्रभुत्व शक्ति समष्टि रूप में जनता के हाथ में रहती है, जनता अन्तिम नियंत्रण रखती है। कृपया और पढ़ाई करें।’