उत्तर प्रदेश पहुंचा ‘युवा हल्ला बोल’. 22 सवाल पूछे सरकार से

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जहां विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को घेर रही हैं वहीं युवाओं से भी चुनौती मिलती नज़र आ रही है. बेरोज़गारी को राष्ट्रीय बहस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ ने बेरोज़गारी के मुद्दे पर आंदोलन करने की तैयारी कर ली है. लखनऊ में ‘युवाओं की यूपी’ कैम्पेन की घोषणा करते हुए युवा हल्ला बोल के अध्यक्ष अनुपम ने 22 सवालों का एक दस्तावेज जारी किया. इस मुहिम के अंतर्गत ‘पढ़ाई कमाई दवाई’ जैसे मुद्दों को उठाया जाएगा. इन सवालों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए पहले यूपी के सभी जिलों की यात्रा की जाएगी और दूसरे चरण में युवा महापंचायतों का आयोजन होगा.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के युवाओं से रोज़गार के नाम पर सिर्फ छलावा किया है. बड़े बड़े वादे कर सत्ता में आयी सरकार आज नौकरियों में कटौती, भर्तियों में भ्रष्टाचार, परीक्षा में पेपर लीक और बहाली में लेटलतीफी का पर्याय बन गयी है. इससे भी दुखद बात है कि रोज़गार मांग रहे युवाओं को लाठी डंडों से बेरहमी से पीटा जाना बिल्कुल आम बात हो गयी है. आए दिन राजधानी लखनऊ से पुलिसिया बर्बरता की तस्वीरें आती रहती हैं. एक तरफ तो बेरोज़गर युवा सड़कों पर लाठियां खा रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार झूठा प्रचार करने में आम जनता का पैसा फूंक रही है.

प्रदेश प्रभारी और ‘युवा हल्ला बोल’ महासचिव रजत यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवाओं का एजेंडा सेट करने के लिए अनुपम के नेतृत्व में सभी जिलों की यात्रा की जाएगी. पहले चरण में प्रदेशव्यापी यात्रा के बाद 12 जनवरी से युवा महापंचायतों का आयोजन भी होगा. रजत ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि प्रदेश के युवा एकजुट होकर चुनाव में युवाओं का एजेंडा सेट करें वरना संवेदनहीन सरकारें हमारे भविष्य से खिलवाड़ करती रहेंगी

प्रेस वार्ता के दौरान ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल, सचिव अमित प्रकाश, उत्सव यादव, अशफाक खान समेत लखनऊ टीम से दिव्येन्दु मणि, मुलायम यादव और सचिन कुमार भी उपस्थित रहे