डॉ. वी अनंत नागेश्वरन बने देश के नये मुख्य आर्थिक सलाहकार – लेखक के साथ IIM Alumnai रह चुके हैं हमारे नए CEA

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सरकार ने शुक्रवार को डॉ. वी अनंत नागेश्वरन को नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 1 फ़रवरी को केंद्रीय बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हुई है।

दिसंबर 2021 से यह पद खाली पड़ा हुआ था क्योंकि मौजूदा मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के तीन सालों का कार्यकाल ख़त्म हो चुका है। उन्होंने क़रीब तीन महीने पहले ही कह दिया था कि वह अपने कार्यकाल के विस्तार की मांग नहीं करेंगे।

बता दें कि डॉ. नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। नागेश्वरन आईएफ़एमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ बिजनेस के डीन रह चुके हैं। वह विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर भी रह चुके हैं। वह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे थे।

डॉ. वी अनंत नागेश्वरन IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और Krea विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर थे। वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं। डॉ. वी अनंत नागेश्वरन 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं।
डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और एमहर्स्ट के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है।

डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने सार्वजनिक नीति में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक स्वतंत्र केंद्र तक्षशिला इंस्टीट्यूशन की सह-स्थापना में मदद की और 2001 में आविष्कार समूह के पहले impact investment fund को लॉन्च करने में मदद की।

उनकी सह-लेखक पुस्तक, ‘इकोनॉमिक्स ऑफ डेरिवेटिव्स’ और ‘डेरिवेटिव्स’ को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा क्रमशः मार्च 2015 और अक्टूबर 2017 में प्रकाशित किया गया था। एक अन्य सह-लेखक पुस्‍तक Can India grow? को नवंबर 2016 में कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस द्वारा प्रकाशित किया गया। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘द राइज ऑफ फाइनेंस: कॉज, कॉन्सक्वेन्सेस एंड क्योर्स’ उनकी सबसे हालिया सह-लेखक किताब है।